अमेजन नदी का जलस्तर घटने से उसकी चट्टानों में मानवों के चेहरे जैसी आकृतियां मिलने से दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरान हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन मानव चेहरों की नक्काशी अमेजन नदी के पत्थरों पर 2000 वर्ष तक पुरानी हो सकती है। यह प्राचीन मानव सभ्यताओं का एक और नया प्रमाण है।
इजरायल हमास युद्ध के अब 14 दिन हो चुके हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज की ओर से एक आंकड़ा जारी कर बताया गया है कि इन 14 दिनों में उसने गाजा में हमास के 12 कमांडरों समेत 1000 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। वहीं हमास द्वारा गाजा से इजरायल पर इस दौरान 6900 से ज्यादा रॉकेट दागे गए हैं। हमास के हमले में 1400 इजरायली मारे गए।
इजरायल पर हमास के रॉकेट हमले में मरने वालों का पहला आंकड़ा सामने आया है। हमास ने दावा किया है कि उसके रॉकेट हमले में 22 लोग प्रारंभिक तौर पर मारे जा चुके हैं। जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है। इजरायल ने भी गाजा पट्टी पर भीषण हवाई हमला शुरू कर दिया है।
हमास ने इजरायल पर 5000 हजार से अधिक रॉकेट दागकर दहशत फैला दी है। जवाबी हमले में इजरायली सेना ने भी गाजा पट्टी पर भीषण पलटवार किया है। इससे कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इमारतों से घना धुआं और आग की लपटें उठती दिखाई दे रही हैं।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना ब्रह्मांड मिशन लांच किया है। जापान का एक्सरे रॉकेट दूरबीन के साथ ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने चांद पर रवाना हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संघठन ने जापान को इसके लिए बधाई दी है।
चीन की निजी एयरोस्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने बुधवार सुबह गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से जुके-2 नाम के रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए तारीख और समय का एलान कर दिया है।
अमेरिका के एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स द्वारा तैयार किया गया दुनिया का सबसे ताकतवर राकेट बुधवार को लांच तो किया गया, लेकिन आसमान में करीब 34 किलोमीटर तक की उड़ान भरने के बाद इसमें भीषण विस्फोट हो गया। जिससे वह कई टुकड़ों में चूर-चूर होकर बिखर गया। हालांकि एलन मस्क ने इसके उड़ान भरने को ही एक बड़ी कामयाबी करार दिया है।
अल-अक्सा मस्जिद एक संवेदनशील पहाड़ी पर स्थित है जो यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र स्थान है। अल-अक्सा इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और रमजान के दौरान श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ रहती है।
दीवार में फंसे रॉकेट की डरावनी तस्वीर को यूक्रेन सरकार के सलाहकार एंटन गेराशचेंको ने ट्विटर पर शेयर किया था। जिसके बाद लोगों के कुछ इस तरह के आए रिएक्शन्स।
Pakistan Fired Rocket at Tarn Taran Police Station: पंजाब के सीमावर्ती जिले तरन तारन में एक पुलिस थाने पर रॉकेट द्वारा संचालित ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला किया गया। गत सात महीने में पंजाब के तरन-तारन में यह इस तरह की दूसरी घटना है।
पुलिस स्टेशन की बिल्डिंग को निशाना बनाकर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया। बता दें कि तरनतारन जिला बॉर्डर से सटा होने के कारण पंजाब का बेहद संवेदनशील जिला माना जाता है।
पवन चांदना ने कहा,'अब जब हम पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस का प्रक्षेपण कर चुके हैं, हमारी अगली योजना विक्रम-1 का प्रक्षेपण करने की है, जो उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने वाला एक बहुत बड़ा रॉकेट है।
NASA Moon Mission: अभी तक आपने मानवों के चांद पर उतरने का इतिहास ही पढ़ा रहा होगा, लेकिन क्या आप कभी चांद का चक्कर लगाने की परिकल्पना भी कर सकते हैं। शायद यह परिकल्पना बेहद रोमांचक है, लेकिन नामुमकिन सी लगती है। मगर मानव न ही सही, नासा के वैज्ञानिकों के कमाल से एक अंतरिक्ष यान चांद का चक्कर लगा आया है।
Kurd Fighters Attack on Turkey: कुर्द लड़ाकों ने तुर्की से अपना बदला लेने के लिए सीमा पार उसके इलाके में रॉकेट हमले किए हैं। जिसमें तीन लोगों की मौत बताई जा रही है, जबकि दस लोग घायल हुए हैं।
First Private Rocket Vikram-S Launched from Sriharikota:अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया भर में अपनी कामयाबी का झंडा बुलंद कर चुके भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। श्रीहरिकोटा से भारत ने अपना पहला निजी राकेट विक्रम - S को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया है। इसे देश के अंतरिक्ष में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने करीब आधी सदी के बाद चंद्रमा पर स्पेसशिप भेजने की दिशा में सबसे बड़ा कदम बढ़ा दिया है। ओरियॉन नाम का यह स्पेसशिप 42 दिनों में चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आ जाएगा।
ISRO: इसरो अपने कारनामे से दुनिया को हमेशा चौकाते रहता है। ऐसे कई मौक पर इसरो ने विश्व को राह दिखाई है। अब वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजर है।
ISRO: देश के विकास के लिए इंडियन रिसर्च एंड स्पेस ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो हमेशा संकल्पित रहा है। लगातार सैटेलाइट लॉन्चिंग करके वह भारत में हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में रात 12.07 बजे एक सबसे भारी रॉकेट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। यह रॉकेट 36 सैटेलाइट के साथ लॉन्च हुआ।
GSLV Mk-3 Rocket: आम तौर पर जीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल भारत के भूस्थिर संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए किया जाता है और इसलिए इसे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) नाम दिया गया।
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