जयंत चौधरी ने ऐलान किया कि सपा-रालोद का गठबंधन किसानों को भाजपा सरकार द्वारा दिए जाने वाले छह हजार रूपये के सापेक्ष प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए देगा और लघु एवं सीमांत किसानों व दूसरों का खेत जोतने वालों को 15 हजार रुपए दिए जाएंगे।
छपरौली के श्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के मैदान में चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा एवं रस्म पगड़ी कार्यक्रम में जयंत चौधरी ने हवन में आहुति दी। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
दो दिन पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौधरी अजीत सिंह को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली में जयंत चौधरी के आवास का दौरा किया था। दोनों पार्टियां पहले से ही गठबंधन में हैं और माना जाता है कि उनके नेताओं ने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की है।
राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग में चौधरी जयंत सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया गया।
अब तक घोषित परिणामों के अनुसार, मेरठ में जिला पंचायत में रालोद ने आठ सीटें हासिल की हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छह-छह सीटें मिली हैं।
जयंत चौधरी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''141 दिन, 350 से ज्यादा किसान शहीद। आने वाली पीढ़ियां खेती-किसानी बचाने के लिए त्याग को याद रखें।''
हाल ही में हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने गए जयंत चौधरी पर हुए लाठीचार्ज को लेकर RLD कार्यकर्ताओं में गुस्सा देखने को मिल रहा है। सोमवार को इसी के विरोध में मथुरा में एक महापंचायत का आयोजन किया गया।
जिले की इगलास सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में रालोद-सपा गठबंधन की उम्मीदवार सुमन दिवाकर का नामांकन चुनाव अधिकारी ने रद्द कर दिया है। इसके बाद उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया।
चुनाव नतीजों के अखिलेश यादव को पिता मुलायम सिंह की वह बात भी याद आ रही होगी, जो उन्होंने गठबंधन के दौरान कही थी।
Mathura Lok Sabha Chunav Result 2019 Live Updates: बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी एक बार फिर मथुरा से चुनाव जीत चुकी हैं।
Uttar Pradesh Lok Sabha seats result: 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के दम पर भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। 2014 में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिली थींं।
आचार संहित उल्लंघन के मामले में उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हेमा मालिनी के बाद राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी कुंवर नरेंद्र सिंह भी फंस गए हैं।
सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन ने अपने लोकसभा चुनाव अभियान का बिगुल फूंकते हुए रविवार को जनता से आह्वान किया कि वह देश का भविष्य तय करने वाले इस चुनाव में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंके।
ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगी और उनकी पार्टी महागठबंधन का समर्थन करेगी
मायावती ने बुधवार की शाम 4 बजकर 10 मिनट पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन के लिए 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
लोकसभा चुनावों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण राज्य बिहार में आज एनडीए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो सकती है।
आंकड़ों को लेकर भले ही अभी कयास लगाए जा रहे हों लेकिन एक बात साफ है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जो करिश्मा किया था उसे 2019 के चुनाव में दोहरा पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
2014 में BSP, SP और RLD ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन तीनों पार्टियों पर बीजेपी भारी पड़ी थी। BSP, SP और RLD को मिले वोटों को जोड़ दिया जाए तो BJP को मिले वोटों से सिर्फ 0.34 फीसदी ज्यादा ही होते हैं। इसके अलावा 2014 में यूपी में BSP और RLD का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता था।
इंडिया टीवी ने 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों को खंगाला और सीटवार पता लगाने की कोशिश की कि कितनी सीटों पर विपक्षी दलों को भाजपा से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
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