फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हार और उनकी विदाई अब तय मानी जा रही है। पहले दौर के मतदान के बाद नेशनल रैली की नेता धुर-दक्षिणपंथी ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत हासिल हुई है। ऐसे में नाजी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में सत्ता जाती हुई दिख रही है।
संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर चलाए जा रहे तालिबानी हंटर पर बेहद खफा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने अब तालिबान को सबक सिखाने के लिए ठान लिया है। यूएन ने कह दिया है कि ऐसी स्थिति में तालिबान को सरकार के तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकती।
31 मार्च 2023 तक भारत सरकार की सिडबी में 20.85 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक का 15.65 प्रतिशत, जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की हिस्सेदारी 13.33 प्रतिशत थी।
निवेशकों ने दलील दी कि राइट्स इश्यू सिर्फ तभी लाया जा सकता है जब कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाई जाए और मौजूदा शेयरधारक आवेदन कर नए शेयर हासिल करें। कंपनी के कुछ निवेशकों ने मौजूदा प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है।
सूत्रों ने बताया कि याचिका में हाल ही में समाप्त हुए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने और यह निर्देश देने की मांग की गई है कि कंपनी को कोई भी कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो निवेशकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
विश्व उइगर कांग्रेस को वर्ष 2024 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। ऐसा दूसरी बार है, जब विश्व उइगर कांग्रेस को लगातार इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इससे पहले वर्ष 2023 में भी इस अधिकार संगठन को नोबेल के शांति पुरस्कार से नावाजा जा चुका है।
UN On Taliban: क्या तालिबानी आतंकियों के आगे संयुक्त राष्ट्र को भी नतमस्तक होना पड़ेगा, क्या तालिबानियों की जिद के आगे संयुक्त राष्ट्र भी अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों की बहाली नहीं करा पाएगा। क्या अफगानिस्तान में अब कभी भी महिलाओं को उनके अधिकार वापस नहीं मिल पाएंगे।
राइट टू रिपेयर का कॉन्सेप्ट पूरी दुनिया में अमेरिका से आया है। अमेरिका ने साल 2012 में इस प्रकार का अधिकार अपने कंज्यूमर को दिया था।
Patriarchy: बहुत से लोग ये मानते हैं कि पितृसत्ता हमेशा से रही है, लेकिन निश्चित रूप से ऐसा नहीं है? इसकी शुरूआत दरअसल कहां से हुई? पितृसत्ता दुनिया के कुछ हिस्सों में कुछ हद तक कमजोर होने के बाद, एक बार फिर मजबूत हो गई है।
रिलायंस ने कुल 53,125 करोड़ रुपये मूल्य के राइट्स इश्यू जारी किए थे। यह एक दशक में दुनिया की किसी भी गैर-वित्तीय कंपनी की तरफ से जारी सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कानून के मुताबिक अगर किसी शख्स की दो पत्नी है और दोनों उसके धन पर दावा करती हैं तो केवल पहली पत्नी को पति के धन पर अधिकार हैं।
अंबानी की पत्नी नीता और बच्चों इशा, आकाश और अनंत को भी राइट्स इश्यू में 5.52-5.52 लाख शेयर मिले हैं। इनके पास भी अब कंपनी की 0.12-0.12 प्रतिशत शेयर हो गए हैं।
यह लगभग तीन दशक में आरआईएल द्वारा लाया जा रहा इस तरह का पहला निर्गम है। इस निर्गम के तहत प्रत्येक 15 शेयर पर एक शेयर की पेशकश की जाएगी।
कंपनी ने 30 अप्रैल को राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी।
RIL ने किया 53125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू का ऐलान
RIL ने 2021 तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य रखा है, इश्यू इसी योजना का हिस्सा है
केंद्रीय सूचना आयोग सहित कई राज्यों में राज्य सूचना आयोग के खाली पड़े पदों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
आरटीआई के जरिए मिले जवाब के अनुसार बीते पांच वित्तीय वर्षों में विलय या बंद होने से एसबीआई की सर्वाधिक 2,568 बैंक शाखाएं प्रभावित हुईं। आरटीआई कार्यकर्ता ने सरकारी बैंकों की शाखाओं को बंद किए जाने का सबब भी जानना चाहा था।
UNGA में इमरान खान के नफ़रत से भरे भाषण का भारत ने दिया जवाब, पाक प्रधानमंत्री से पूछे 5 सवाल
राइट इश्यू के जरिये 12.50 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर 2,000 करोड़ नए शेयरों की पेशकश की गई थी। यह पेशकश 10 अप्रैल से 24 अप्रैल तक खुली थी।
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