भारत सरकार ने 1991 में नई आर्थिक नीति लागू की थी, जिसने देश को इकोनॉमिक लिब्रेलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और दुनिया के लिए खोल दिया।
साल 2015 के अंत तक भारत में ऐसे उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों यानी अमीर की संख्या 2.36 लाख थी और उनकी सम्मिलित संपत्ति 1,500 अरब डॉलर थी। अमीर
करोड़पतियों की आबादी के मामले में भारत एक स्थान खिसककर दुनिया में 12वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि, देश में ऐसे अमीरों की संख्या बढ़कर दो लाख हो गई है।
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