ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मार्च के आंकड़ों के आने के बाद कुल चावल निर्यात 120 लाख टन के पार पहुंचेगा जो नया रिकॉर्ड होगा। दुनियाभर में भारत लगातार 3 साल से सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बना हुआ है
चीन सोयाबीन, कपास और चावल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है जबकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, ऐसे में चीन का बाजार भारत के लिए खुल सकता है
इससे पहले कभी भी इतनी कम अवधि में इतने ज्यादा चावल का निर्यात नहीं हुआ था, भारत के पड़ौसी देशों के साथ खाड़ी देशों और अफ्रीकी देशों ने यह चावल खरीदा है
कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में बताया है कि 2017-18 के दौरान देश में चावल उत्पादन 1110.1 लाख टन होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा
अप्रैल से दिसंबर 2017 के दौरान भारत से 16803 करोड़ रुपए के मूल्य के 63.39 लाख टन गैर बासमती चावल का और 2951 करोड़ रुपए मूल्य के 3.65 लाख टन ग्वारगम का निर्यात हुआ है
2017-18 में अप्रैल से नवंबर में निर्यात हुए 81.91 लाख टन चावल में से 55.70 लाख टन चावल गैर बासमती है और 26.21 लाख टन चावल बासमती है।
अबतक जो 350.28 लाख टन धान की खरीद हुई है उसमें सबसे अधिक पंजाब से 176.61 लाख टन, हरियाणा से 59.20 लाख टन और छत्तीसगढ़ से 33.32 लाख टन की खरीद हुई है
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अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 62,73,674 टन चावल निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष की पहली छमाही में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है।
देश में महंगाई के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
Gangster writes a post on Facebook, confesses of killing rice mill owner in Faridkot | 2017-08-04 13:25:22
सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अनुरूप देश की 81 करोड़ जनता को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल अगले साल जून तक दिया जाता रहेगा।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है।
राशन के जरिए दो रुपए किलो बिकने वाले गेहूं और तीन रुपए किलो बिकने वाले चावल की आर्थिक लागत पिछले पांच साल के दौरान क्रमश: 26 फीसदी और लगभग 25 फीसदी बढ़ी है।
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अपना दूसरा अग्रीम अनुमान जारी कर दिया है। 2016-17 के दौरान देश में रिकॉर्ड 27.198 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
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