Gangster writes a post on Facebook, confesses of killing rice mill owner in Faridkot | 2017-08-04 13:25:22
सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अनुरूप देश की 81 करोड़ जनता को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल अगले साल जून तक दिया जाता रहेगा।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है।
राशन के जरिए दो रुपए किलो बिकने वाले गेहूं और तीन रुपए किलो बिकने वाले चावल की आर्थिक लागत पिछले पांच साल के दौरान क्रमश: 26 फीसदी और लगभग 25 फीसदी बढ़ी है।
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अपना दूसरा अग्रीम अनुमान जारी कर दिया है। 2016-17 के दौरान देश में रिकॉर्ड 27.198 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
सरकार ने कहा कि उसकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्न के लिए आधार कार्ड को आवश्यक बनाने की योजना है।
सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग वर्ष 2016-17 के लिए 3.3 करोड़ टन चावल खरीद का लक्ष्य रखा है।
ईरान को उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल के निर्यात में 1000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग करेगा।
दस राज्यों में सूखे के कारण देश का खाद्यान उत्पादन 2015-16 में 25.22 करोड़ टन के स्तर पर स्थिर रह सकता है। वहीं दलहन के उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से 0.85 फीसदी प्रतिशत नीचे रही, जो कि फरवरी में शून्य से 0.91 प्रतिशत कम थी।
फरवरी में थोक महंगाई दर -0.9 फीसदी पर स्थिर रही। यह लगातार 16वां महीना जब थोक महंगाई दर शून्य के नीचे रही है। जनवरी में महंगाई दर शून्य से 0.90% नीचे थी।
थोक महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में थोक महंगाई दर शून्य से 0.90 फीसदी नीचे रही
दिसबंर में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान महंगाई दर -1.99 फीसदी से बढ़कर -0.73 फीसदी रही। इस दौरान चावल, सब्जियों, फल, दूध के दाम बढ़े हैं।
इंडोनेशिया ने भारतीय चावल, दवाओं तथा गोमांस के लिए अपना बाजार खोलने का फैसला किया है। यह एक बड़ा कदम है।
नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
महंगाई से आम आदमी का पीछा छूटता नजर नहीं आ रहा है। पहले, टमाटर, फिर प्याज, उसके बाद दाल और अब चावल की कीमतें आसमान छू सकती हैं।
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