आजकल के लाइफस्टाइल में लोगों के खान-पान का ठिकाना नहीं है, इसलिए उन्हें कब्ज जैसी बीमारी की शिकायत रहती है।
वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही यानि अप्रैल से जून के दौरान देश से चावल निर्यात में 4 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है, वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा की तरफ से यह जानकारी दी गई है
भारत से चीन को निर्यात किए जाने के लिए 19 चावल मिलों का चुनाव किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा के मुताबिक जिन 19 मिलों का चुनाव हुआ है उनमें सबसे अधिक हरियाणा में 10, पंजाब में 4, तथा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मु-कश्मीर, तेलंगाना और महाराष्ट्र से 1-1 मिल शामिल हैं। चीन के कस्टम विभाग की तरफ से इन मिलों को मंजूरी दी गई है
वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 में भी निर्यात में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले 2 महीने यानि अप्रैल और मई के दौरान देश से चावल निर्यात में 17 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, हालांकि इस दौरान सिर्फ गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है जबकि बासमती चावल के निर्यात में कमी देखने को मिली है
केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की रिकॉर्ड 3.5 करोड़ टन से अधिक की खरीद की है। अब सरकार उत्तर और मध्य भारत में मानसून आने से पहले अनाज के उचित भंडारण के लिए अतिरिक्त भंडारण सुविधा किराये पर लेने की योजना बना रही है।
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत भी बढ़े हुए चावल निर्यात से हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले महीने अप्रैल के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दुनिया में चावल के सबसे बड़े उपभोक्ता देश चीन ने भारतीय से चावल आयात की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही भारत सरकार और चीन के कस्टम विभाग (General Administration of Customs of People Republic of China) के बीच इसको लेकर प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर होंगे। वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा की तरफ से यह जानकारी दी गई है
देश से चावल निर्यात का नया रिकॉर्ड बना है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान देश से कुल 126.85 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जो इतिहास में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है और पूरी दुनिया में किसी देश की तरफ से एक साल में किया गया सबसे अधिक एक्सपोर्ट भी है
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के विद्यार्थियों के छात्रावासों को बीपीएल दर पर प्रति छात्र 15 किलो गेहूं अथवा चावल प्रति माह उपलब्ध कराएगी। यह योजना ऐसे छात्रावासों में भी लागू की जाएगी जहां कम से कम दो-तिहाई छात्र इन वर्गो के हों।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मार्च के आंकड़ों के आने के बाद कुल चावल निर्यात 120 लाख टन के पार पहुंचेगा जो नया रिकॉर्ड होगा। दुनियाभर में भारत लगातार 3 साल से सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बना हुआ है
चीन सोयाबीन, कपास और चावल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है जबकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, ऐसे में चीन का बाजार भारत के लिए खुल सकता है
इससे पहले कभी भी इतनी कम अवधि में इतने ज्यादा चावल का निर्यात नहीं हुआ था, भारत के पड़ौसी देशों के साथ खाड़ी देशों और अफ्रीकी देशों ने यह चावल खरीदा है
कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में बताया है कि 2017-18 के दौरान देश में चावल उत्पादन 1110.1 लाख टन होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा
अप्रैल से दिसंबर 2017 के दौरान भारत से 16803 करोड़ रुपए के मूल्य के 63.39 लाख टन गैर बासमती चावल का और 2951 करोड़ रुपए मूल्य के 3.65 लाख टन ग्वारगम का निर्यात हुआ है
2017-18 में अप्रैल से नवंबर में निर्यात हुए 81.91 लाख टन चावल में से 55.70 लाख टन चावल गैर बासमती है और 26.21 लाख टन चावल बासमती है।
अबतक जो 350.28 लाख टन धान की खरीद हुई है उसमें सबसे अधिक पंजाब से 176.61 लाख टन, हरियाणा से 59.20 लाख टन और छत्तीसगढ़ से 33.32 लाख टन की खरीद हुई है
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अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 62,73,674 टन चावल निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष की पहली छमाही में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है।
देश में महंगाई के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
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