भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जुलाई, 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार ने अक्टूबर, 2023 में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था।
चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर 13 प्रतिशत पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है।
छत्तीसगढ़ में नई बीजेपी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार के इस बड़े फैसले से राज्य के 67 लाख से अधिक गरीबों को जनवरी 2024 से फ्री में चावल मिलेंगे।
भारत की तरफ से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख कृषि उत्पादों में कॉफी, अरंडी तेल, ताजा फल, तंबाकू, प्रसंस्कृत जूस, मूंगफली, ताजा सब्जियां, औषधीय उत्पाद, मांस, रेशम, ऊन, कपास और डेयरी उत्पाद भी शामिल हैं।
चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को थामने के लिए सरकार गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी कर रही है।
आजकल दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा है। इसकी एक बड़ी वजह है उन फूड्स का सेवन जो शरीर में बैड फैट और ट्राईग्सिसराइड्स के लेवल को बढ़ाते हैं। ऐसे में एक सवाल हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के सामने ये आता है कि क्या चावल खाना इस स्थिति में फायदेमंद है। अगर नहीं तो क्यों और हम किन अनाजों का सेवन कर सकते हैं।
भारत के गैर बासमती चावल निर्यात पर बैन से पाकिस्तान को काफी लाभ हुआ है। जानिए कैसे उसे फायदा पहुंचा है। दरअसल, पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। वहीं भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है।
भारत ने इंडिका सफेद चावल (indica white rice) की विदेशी अनाज बिक्री पर बैन लगा दिया था, जिससे दुनियाभर में इसका असर हुआ और कीमतें आसमान छू रही हैं।
चेहरे पर चावल का पानी लगाने के कई फायदे हैं। ये एंटी एजिंग गुणों से भरपूर है जो कि आपको स्किन से जुड़ी कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 4.8 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया था। मात्रा में यह निर्यात 45.6 लाख टन था।
अमेरिका की एक वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने कहा है कि भारत ने अमेरिका से मदद लेने के बाद खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का लंबा रास्ता तय किया है।
भारत द्वारा गैर बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध से पाकिस्तान के निर्यात में बढ़ावा होने की संभावना है। इस उम्मीद से कंगाल पाकिस्तान बेहद खुश है।
भारत ने अपने देश के लोगों की आगामी त्योहारी जरूरतों को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। इस कदम से अमेरिका में खलबली मच गई है। अमेरिकी शहरों के बाजारों में भीड़ लग गई है। दुनिया के कई देशों पर भी इस बैन का असर पड़ा है। जानिए किस चीज पर और क्यों लगाया है बैन? पढ़िए पूरी खबर।
Fear of Global Inflation: भारत सरकार ने हाल ही में देश में अस्थिर खुदरा कीमतों को स्थिर करने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इससे ग्लोबल महंगाई बढ़ सकता है।
India Ban Export: भारत ने पिछले साल 10.3 मिलियन टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया और वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं के पास इस अंतर को भरने की अतिरिक्त क्षमता नहीं थी।
भारत 140 से भी अधिक देशों को चावल बेचता है। भारत ने वर्ष 2022—23 में रिकॉर्ड 1308.37 लाख टन चावल का निर्यात किया था। लेकिन गैर बासमती चावल निर्यात करने पर भारत ने रोक लगा दी है।
भारत में चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने यह बैन लगाया है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20 फीसदी तेजी आई है।
कर्नाटक सरकार ने ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत चावल देने के लिए केंद्र सरकार ने इस अनाज की मांग की थी, लेकिन उसने स्टॉक की कमी की बात कहकर असमर्थता जता दी थी।
गेहूं और चावल की मौजूदा खरीद से सरकारी भंडारों में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार बना हुआ है।
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