वर्ष के दौरान दलहनों का उत्पादन बढ़ा है। तुअर का उत्पादन 33.85 लाख टन अनुमानित है, जो 2022-23 में 33.12 लाख टन की तुलना में 0.73 लाख टन अधिक है।
चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर 13 प्रतिशत पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है।
India Ban Export: भारत ने पिछले साल 10.3 मिलियन टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया और वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं के पास इस अंतर को भरने की अतिरिक्त क्षमता नहीं थी।
Rice Production: देश में केंद्र ने शुक्रवार से चावल निर्यात (Rice Export) पर प्रतिबंध लगा दिया है और कमोडिटी के विभिन्न ग्रेडों पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लगाया है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
देश में इस साल गेहूं और चावल सहित कुल खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है।
धान का रकबा चालू फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दौरान 83 जिलों में पिछले साल के मुकाबले 36 फीसदी बढ़ा है जबकि धान (बासमती छोड़कर अन्य धान की वेरायटीज) के रकबे में 6.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 2018-19 खरीफ सीजन के दौरान देश में कुल 14.159 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन होने का अनुमान है
खरीफ मौसम की प्रमुख फसल धान बुवाई का रकबा खरीफ सत्र 2018-19 में अब तक 2.27 प्रतिशत बढ़कर 383.34 लाख हेक्टेयर हो गया।
2017-18 के दौरान देश में कुल मिलाकर 28.48 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन है
कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में बताया है कि 2017-18 के दौरान देश में चावल उत्पादन 1110.1 लाख टन होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा
2017-18 में अप्रैल से नवंबर में निर्यात हुए 81.91 लाख टन चावल में से 55.70 लाख टन चावल गैर बासमती है और 26.21 लाख टन चावल बासमती है।
देश में महंगाई के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
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