वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी जीएसटी-पंजीकृत खुदरा व्यापारियों के लिए एक बीमा योजना पर भी काम कर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।
सोमवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 6.52% पर पहुंच गई। दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी रही थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2022 में 5.88 प्रतिशत और दिसंबर, 2021 में 5.66 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई में गिरावट से रिजर्व बैंक पर ब्याज दर में बढ़ोतरी का दबाब कम होगा। इससे होम, कार लोन समेत दूसरे लोन की ईएमआई बढ़ने की रफ्तार धीमी।
खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस साल अगस्त में 6.46 प्रतिशत तथा इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 2.26 प्रतिशत की तुलना में सितंबर, 2022 में 7.76 प्रतिशत रही।
बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। जबकि सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत थी।
जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 7.97 प्रतिशत की तुलना में घटकर 7.75 प्रतिशत रही। इस तरह खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल, 2021 में 4.23 प्रतिशत थी।
सब्जियों की कीमतों में 11.64 फीसदी की तेजी देखी गई, जबकि मांस और मछली में 9.63 फीसदी की तेजी देखी गई।
खाद्य उत्पादों में वृद्धि तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई, जो फरवरी में सालाना आधार पर 16.44 प्रतिशत महंगी हो गई। इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में 6.13 फीसदी की तेजी देखी गई।
एएंडटी वेंचर को 1992 में डेविड अब्राहम और राकेश ठाकोर द्वारा लॉन्च किया गया था। एएंडटी ने सबसे पहले लॉन्जवियर और होम कलेक्शन के साथ बाजार में प्रवेश किया था।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर 2021 में 5. 66 प्रतिशत और जनवरी 2021 में 4.06 प्रतिशत थी।
भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने अपने खुदरा व्यापार सर्वेक्षण में कहा कि पिछले महीने वृद्धि दर 2020 के इसी महीने की तुलना में 16 प्रतिशत थी।
आंकड़ों को देखें तो देश में महंगाई की दर बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। यह आरबीआई के मध्यम अवधि के अनुमानों के भीतर है।
बयान में कहा गया कि खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 4.83 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 7.51 प्रतिशत के मुकाबले 2.26 प्रतिशत थी।
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार पर आने वाले कुछ समय तक फेडरल रिजर्व, चीन की अर्थव्यवस्था, कच्चे तेल की कीमतें और घरेलू बाजार में कंपनियों के तिमाही नतीजों का असर देखने को मिलेगा।
श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) अगस्त 2021 में क्रमश: 3.90 प्रतिशत और 3.97 प्रतिशत रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही जो कि इससे पिछले महीने जुलाई में 3.96 प्रतिशत थी वहीं अगस्त, 2020 में यह 9.05 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।
2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
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