2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
इससे पिछले महीने यानी जून माह में मुद्रास्फीति दर कृषि और ग्रामीण कामगारों के लिये क्रमश: 3.83 प्रतिशत और 4 प्रतिशत थी।
औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.57 प्रतिशत पहुंच गयी। मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी है।
विश्वबैंक के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की थोक कीमत आधारित मुद्रस्फीति 30 साल के उच्चतम स्तर पर है
भारत के औद्योगिक उत्पादन में मई के दौरान 29.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह पता चला।
कृषि श्रमिकों के मामले में सूचकांक में 16 राज्यों में एक से लेकर 17 अंक की वृद्धि हुई जबकि चार राज्यों में एक से चार अंक की गिरावट भी आई है।
पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 0.8 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति की दर मार्च में बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
खुदरा खाद्य महंगाई दर फरवरी के दौरान 3.87 प्रतिशत के स्तर पर रही है जो कि जनवरी में 1.96 प्रतिशत के स्तर पर थी। फरवरी में ग्रामीण क्षेत्रों में दर 2.89 प्रतिशत पर और शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 5.63 प्रतिशत पर रही थी।
सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुछ जिलों में बाढ़ के कारण मौसमी उत्पादों की कीमतों में तेजी आई है।
अगस्त के दौरान सब्जियों और ईंधन की महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली, हालांकि दूसरी तरफ अनाज और दालों की कीमतों में कमी से सब्जियों की महंगाई का असर खत्म हो गया, और खुदरा महंगाई दर पिछले स्तरों के करीब ही रही।
जुलाई महीने के लिए प्राइमरी आर्टिकल्स में मुद्रास्फीति 0.63 प्रतिशत बढ़ी है और साथ ही मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में भी यह 0.51 प्रतिशत बढ़ी है।
जून के महीने में महंगाई दर संशोधित होकर 6.23 फीसदी के स्तर पर
कोरोना संकट की वजह से अप्रैल और मई के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी नहीं हुए
गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज की मुफ्त आपूर्ति से महंगाई दर पर असर दिखा
मार्च के महीने में खाद्य महंगाई 10 फीसदी से नीचे आई
पिछले महीने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देखने को मिली है। थोक महंगाई दर फरवरी में घटकर 2.26 फीसदी पर आ गई। इससे पहले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.10 फीसदी दर्ज की गई थी।
जनवरी माह में देश का औद्योगिक उत्पादन की दर बढ़कर 2 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले समान माह में 1.6 प्रतिशत थी।
आईएएनएस-सीवीओटर सर्वेक्षण से पता चला कि उत्तरदाताओं में से 43 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि बजट के बाद कीमतें नहीं घटेंगी।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा है। लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति इस दायरे को पार कर काफी ऊंची चल रही है।
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