सुशील मोदी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोगों को तुरंत राहत देने के लिए सरकार ने 2000 रुपये के नोट छापने शुरू किए थे। इससे आम आदमी को परेशानी नहीं होगी।
सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और लेने (जीएसएल) का सौदा कम-से-कम एक दिन और अधिकतम 90 दिनों के लिये होगा।
6 फरवरी से 8 फरवरी के बीच चलने वाली आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक आज से शुरु हो गई है। पिछली बार भी ये बैठक दो महीने पहले दिसंबर में हुई थी। हर दो महीने में इसकी बैठक क्यों होती है? और किन बातों की समीक्षा की जाती है, आइए जानते हैं।
Gpay, PhonePe और Paytm का इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ये दरअसल थर्ड पार्टी एप्स हैं। ऐसे में पैसा गलत ट्रांसफर होने में इनकी सीधेतौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं होती है।
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है
वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में MPC का गठन किया गया था। उसके बाद से MPC ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है।
सभी के मन में यह भी सवाल उठता है कि भारत में करेंसी नोट पर छपने वाली तस्वीरें कौन तय करता है और इससे जुड़े नियम एवं कानून क्या हैं।
बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है
बैंक का परिसमापन होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा दावा कर सकेगा।
इससे पहले 22 अक्टूबर 2021 को खत्म हुए पिछले पखवाड़े में बैंक ऋण 6.84 प्रतिशत और जमा राशि 9.94 प्रतिशत बढ़ी थी। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ऋण में 5.56 प्रतिशत और जमा राशि में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
नियमों को ताक पर रखने वाली निजी कंपनियों पर एक बार फिर रिजर्व बैंक का हंटर चला है। आरबीआई ने पेटीएम और वेस्टर्न यूनियन पर जुर्माना लगाया है।
आरबीएल बैंक के निरीक्षण के बाद रिजर्व बैंक ने कुछ नियामकीय निर्देशों तथा बैंकिंग नियमन अधिनियम का अनुपालन नहीं करने का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई (मौद्रिक नीति को सख्त) तब करेगा, जब अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही होगी।’’ केंद्रीय बैंक ने छह अगस्त को अपनी समीक्षा में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सोमवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अपैल-जून में बिक्री 41.1 प्रतिशत घटी थी।
आरबीआई के एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने तीन दशकों की अवधि में विदेशी मुद्रा, बैंकिंग पर्यवेक्षण, वित्तीय समावेशन, मुद्रा प्रबंधन और आरबीआई में अन्य क्षेत्रों में काम किया है।
बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के जरियम अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी।’’
भारतीय रिजर्व बैंक को देश की वित्तीय राजधानी में अपने दक्षिण मुंबई मुख्यालय या बांद्रा कुर्ला परिसर क्षेत्र में अतिरिक्त कार्यालय स्थल के लिए जगह की तलाश है।
भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में नौ गैर-सरकारी निदेशकों की कमी है। इनमें से सात निदेशकों के पद ऐसे हैं, जिनपर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रसिद्ध लोगों का मनोनयन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को लेकर सोच- विचार काफी आगे बढ़ चुका है और दुनिया के कई केंद्रीय बैंक इस संदर्भ में काम कर रहे हैं।
आरबीआई का यह अभियान अंग्रेजी के अलावा हिंदी, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में चलाया जाएगा।
संपादक की पसंद