पापुआ न्यू गिनी में 3 दिन पहले हुए भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा अब 2 हजार से अधिक हो चुका है। सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को यह जानकारी दी है। साथ ही कहा है कि दुर्गम क्षेत्र होने की वजह से मदद पहुंचने में देरी हो रही है। ऐसे में मलबे के नीचे दबे लोगों के जीवित होने की उम्मीद कम बची है।
पाकिस्तान के एक स्कूल में आग लगने से हड़कंप मच गया। इससे 1400 छात्राओं की जान आफत में पड़ गई। बमुश्किल कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।
विदेश में फंसे भारतीयों के लिए मोदी सरकार हमेशा से ही मददगार साबित होती रही है। बात चाहे मेडिकल और अन्य प्रोफेशनल पढ़ाई करने विदेश गए छात्रों की हो या फिर नौकरी के झांसे में अवैध रूप से दूसरे देश ले जाए गए कामगारों की हो। ताजा मामले में भारत सरकार ने लाओस में फंसे 13 कामगारों को सुरक्षित निकाला है।
तुर्की में शुक्रवार को 174 लोग केबल कार हादसे की वजह से एक ऊंचे पर्वत पर हवा में लटक गए। इससे सभी की जान खतरे में पड़ गई। बाद में उन्हें 10 हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया। हालांकि इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 7 लोग घायल हो गए।
20 घंटे से ज्याद समय से बच्चे को बचाने की कोशिशें जारी है। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे बच्चा खुले बोरवेल के पास खेल रहा था और अचानक उसमें गिर गया।
ताइवान में 3 दिन पहले आए भूकंप के बाद अब भी लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं। शनिवार को 5.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए है। इससे लोगों में दहशत का माहौल हो गया है। इस बीच ताइवान की झुकी इमारत को गिराने का काम रोक दिया गया है।
ताइवान में भूकंप के 3 दिन बीत जाने के बाद भी 600 से ज्यादा लोग जिंदगी और मौत के बीच फंसे हैं। कई जगहों पर चट्टानें खिसक गई हैं और रास्तों से लोग कट गए हैं। ऐसे में उन तक राहत नहीं पहुंच पा रही है। अब तक ताइवान के भूकंप में 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार कंबोडियाई अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है और लगभग 250 भारतीयों को ‘‘बचाया और स्वदेश वापस लाया गया है।’’ यह बयान उन खबरों के बीच आया है, जिनमें कंबोडिया में कई भारतीय नागरिकों के फंसे होने की जानकारी दी गई है।
नाइजीरिया के एक स्कूल से दो हफ्ते अपहृत किए गए 300 बच्चों में से 137 को सकुशल अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया गया है। अन्य बंधकों की तलाश जारी है। नाइजीरिया की सेना ने कई दिनों के सर्च ऑपरेशन के बाद इन बच्चों को रेस्क्यू किया है।
चीन की कोयला खदान में दबकर 7 श्रमिकों की मौत हो गई है। ये सभी खनिक सोमवार को ही हादसे के शिकार हो गए थे। बताया जा रहा है कि खनन के दौरान बड़ा पत्थर गिरने और चट्टान ढहने से उसमें दब गए थे। मगर उन्हें समय रहते निकाला नहीं जा सका। आज उनका शव बरामद हुआ।
सतना में सीवर लाइन कार्य के दौरान मिट्टी धंसने से एक मजदूर दब गया है। मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची है और बचाव अभियान चल रहा है।
गुजरात के द्वारका में एक बड़ा हादसा टल गया है। कल्याणपुर तहसील के रण गांव में एक ढाई साल की मासूम बच्ची बोरवेल में गिर गई थी जिसकी मौत हो गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण पता चलेगा।
चीन में भूकंप के कारण बड़ी तबाही हुई है। जैसे तैसे भूकंप प्रभावितों को मलबे से निकालकर मशक्कत के बाद सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लेकिन यहां एक और नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इस नई चुनौती से भूकंप पीड़ितों को कड़ा सामना करना पड़ रहा है।
ये ऑपरेशन 41 हिन्दुस्तानियों की जिंदगी और मौत का फैसला करने वाला मिशन था। पूरे भारत की दुआएं लगीं, पूरा सिस्टम लगा, सारी सरकारी ताकत लगी और 17 दिन की लंबी जंग के बाद आखिरकार जिंदगी जीत गई। पहाड़ का सीना चीर कर सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और इस खबर ने हर हिन्दुस्तानी के चेहरे पर खुशी ला दी।
उत्तराखंड सुरंग हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मियों को उत्तराखंड सरकार 50 हजार रुपये का इनाम देगी। इसका ऐलान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय की ओर से किया गया है।
उत्तराखंड के टनल में फंसे मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने खशी जाहिर की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर खुशी जताई है। इन दोनों ने मजदूरों और बचाव दल के साहस और धैर्य को सलाम किया है।
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है। टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बीते 16 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था।
Uttarkashi Tunnel Rescue Update: करीब 3 घंटे बाद टनल से बाहर निकले CM Pushkar Dhami | NDRF
भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है। अब सबकी उम्मीद इन्हीं रैट माइनर्स पर टिक गई हैं।
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