क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सी शाह ने कहा कि उद्योग रेपो दर में कटौती का इंतजार कर रहा था। अगला कदम यह होना चाहिए कि बैंक और वित्तीय संस्थान निचली दरों का लाभ कर्ज लेने वालों को दें।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाए जाने तथा नकदी के मोर्चे पर केंद्रीय से कोई ठोस संकेत नहीं मिलने से बिकवाली दबाव देखा गया।
30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 333.32 अंक गिरकर 39,750.22 और निफ्टी 114.35 अंक की गिरावट के साथ 11,907.30 के स्तर पर पहुंच गया।
भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी दरों को रेपो रेट से लिंक कर दिया है और इसके घटने के बाद वह भी अपनी ब्याज दरों में कटौती करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करेगी।
दुन एंड ब्रैडस्ट्रीट (डीएंडबी) के हालिया आर्थिक पूर्वानुमान के अनुसार, अमेरिका और अन्य देशों के बीच जारी आर्थिक तनाव का भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ेगा।
पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है।
इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है, जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।
इस नए नियम के लागू होने के बाद जहां एक ओर रिटेल लोन सस्ते होंगे, वहीं सेविंग एकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में कमी आएगी।
भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रुपए तक के होम लोन की ब्याज दर में 10 आधार अंकों की कटौती की है।
अंतरबैंक मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को घरेलू मुद्रा कमजोरी के साथ 68.56 प्रति डॉलर पर खुली और इसने दिन के सबसे निम्नतम स्तर 69.21 को छुआ।
चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत किए जाने की वजह से निवेशक सतर्क थे। मानसून को लेकर चिंता से धारणा और प्रभावित हुई।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.20 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है।
अधिकतर अर्थशास्त्रियों ने चार अप्रैल को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया। वहीं कुछ ने 0.50 प्रतिशत की कटौती का समर्थन किया।
उद्योग और विशेषज्ञों को यह उम्मीद है कि बैंक नियामक आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया।
बैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि 30 लाख रुपए तक के सभी होम लोन पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की कटौती होगी।
आरबीआई ने रेपो रेट में की कटौती, लोन लेना हो सकता है सस्ता
रेपो रेट में कटौती के बाद अब गेंद बैंकों के पाले में चली गई है, इस फैसले से बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी और बैंक इसका लाभ ब्याज दरों में कटौती करके ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।
बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर 2.7-3.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जारी किया है
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