रेंट बचाने के लिए स्मार्ट बजटिंग, लोकेशन का चयन और जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। अगर आप थोड़ी समझदारी से काम करेंगे तो आसानी से मासिक किराए के खर्च को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों के प्रमुख बाजारों में औसत आवासीय किराये में पिछली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) 2024 में दो से चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। 2024 की पहली तिमाही में इन बाजारों में किराये में 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले चार से नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
शायद कभी सुना न हो कि आप पुलिस किराए पर ले सकते हैं, पर ये सच है हमारे देश के साउथ इंडियन स्टेट में सरकार ने सुविधा लोगों के लिए की हुई है। जिसको लेकर सरकार ने रेट कार्ड जारी किया है। यहां आप पूरा रेट कार्ड देख सकते हैं....
सोशल मीडिया पर एक ऐसा विज्ञापन देखने को मिला, जिसे देखने के बाद होश ही उड़ गए। सिंगल बेड के लिए आपको 89 हजार से भी ज्यादा रुपए भरने पड़ेंगे। इसे पढ़ने के बाद लोगों को यकीन ही नहीं हुआ।
महामारी की दूसरी लहर के बाद किरायेदारों का बड़े आकार के घरों की ओर रूझान बढ़ा है।
रेंट पर मकान ढूंढना हमेशा मुकिश्ल होता है। सबसे पहले बजट और लोकेशन दोनों सही मिलना मुश्किल होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह नामुमकिन है। सही जानकारी होने पर आप कम बजट में भी सही मकान ले सकते हैं।
मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस में किराया 11.1 प्रतिशत बढ़कर 1,000 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गया। इन तीनों स्थानों में सालाना आधार पर भी प्रतिशत में किराया वृद्धि इतनी ही रही है।
मॉडल टेनेंसी एक्ट या आदर्श किरायेदारी कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसे अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जायेगा।
किराये की अवधि जितनी अधिक होगी, मासिक शुल्क उसी हिसाब से कुछ कम होता चला जाएगा।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम में प्राइवेट कंपनियों को शामिल करने के लिए अभिरुचि पत्र भी जारी किया गया है। इसे जारी करते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत काफी सारी रियायतें दी जाएंगी
सरकार की योजना है कि शहरों में जरूरतमंद प्रवासियों को एक हजार से तीन हजार रुपए के किराये पर उपलब्ध कराए जाए।
देश में फिलहाल 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं। सरकार की कोशिश है कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें, जिससे घर किराए पर देने को लेकर मकान मालिकों के डर खत्म हों और ये खाली घर किराए के आवास के लिए उपलब्ध हो सकें।
दो योजनाएं.एक देश, एक राशन कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर (एआरएचसी) में उम्मीद के अनुरूप तेजी नहीं है।
आइनॉक्स लीजर लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि उसके पास कम से कम अगले छह महीनों तक कारोबार चलाने के लिए पर्याप्त नकदी है,
बहुत से लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि आपका कानूनी आधार कमजोर हुआ तो आप अपनी संपत्ति को वापस नहीं पा सकेंगे।
गोपाल विट्टल ने कहा कि मोबाइल सेवा की मौजूदा दरें दूरसंचार उद्योग के लिए व्यवहारिक नहीं रह गई हैं और इन्हें बढ़ाने की जरूरत है।
ऑनलाइन फर्नीचर रिटेलर कंपनी पेपरफ्राई ने दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे समेत कुछ चुनिंदा शहरों में किराये पर फर्नीचर देने की सुविधा शुरू की है।
सिंगापुर सॉवरजन वेल्थ फंड GIC डेवलपर DLF की रेंटल कंपनी DLF साइबर सिटी डेवलेपर्स (DCCDL) में 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने को राजी हो गया है।
मकान का कोई हिस्सा या पूरा मकान कॉमर्शियल उद्देश्य के लिए किराए पर दिया हुआ है तो 20 लाख रुपए तक की सालाना रेंटल इनकम पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा।
क्या आप किराये के घर में रहते हैं। यदि इन सवालों के जवाब हां हैं, तो आपको अपने घर का सपना पूरा करने का सुनहरा अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
संपादक की पसंद