इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शादी के लिए 21 वर्षीय युवती का अपहरण करने और गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी एक शादीशुदा व्यक्ति की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक युवक द्वारा एक नाबालिग की अंतरंग तस्वीरें लेकर वायरस करने की धमकी देने का मामला सामने आया है।
6 साल पहले गायब हुए संतोष नाम के एक लड़के ने अपने भाइयों को अचानक फोन किया और बताया कि वह अब अब्दुल्ला बन गया है।
उत्तर प्रदेश में जो मामले सामने आए हैं, उनमें ज्यादातर या तो नाबालिग थे या फिर वे दिव्यांग युवा थे। अपने परिवार पर आश्रित युवाओं का धर्म परिवर्तन करना न सिर्फ कानून बल्कि मानवता के खिलाफ भी अपराध है।
वहाब ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने युवती से विवाह कर लिया है। उसने विवाह सेवा समिति का एक प्रमाण पत्र भी दिखाया। प्रमाण पत्र में युवती का नाम बदल कर सिमरन लिखाया गया है।
उत्तर प्रदेश में आए दिन जिस तरह से धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। एक बार फिर यूपी के अलग अलग शहरों से धर्म परिवर्तन के 3 मामले सामने आए हैं।
कन्वर्जन टेप पहली बार कैमरे पर आया है। ये धर्मांतरण का ऐसा विस्फोटक टेप है, जिसमें कही एक-एक बात पैरों तले ज़मीन खिसकाने के लिए काफी है।
ये लोग ISI व विदेशी संस्थाओं के निर्देश के अनुसार, उनसे प्राप्त फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन करवाते थे और फिर इतना ही नहीं, ये लोग धर्म परिवर्तित लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति द्वेश और नफरत का भाव पैदा कर उन्हें रेडिक्लाइज करके देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलकर देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की शहर कोतवाली पुलिस ने एक नाबालिग से घर में घुसकर कथित रूप से रेप करने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक संसदीय समिति ने फैसलाबाद में एक नाबालिग ईसाई लड़की के अपहरण की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।
पाकिस्तान में हुई इस हरकत के बाद भारत के सिख संगठनों में भी गुस्सा था। जिस परिवार की बेटी को अगवा करके उसका धर्म परिवर्तन करवाया गया वो ननकाना साहिब के गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं।
इस परिवार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल बाजवा से अपील की है कि उनकी बहन की तलाश की जाय और उन्हें लौटाया जाए।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक पेश किया। यह पारित होने के बाद पुराने कानून की जगह लेगा और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
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