भारत ने क्यूबा को 90 टन सहायता सामग्री भेजी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसमें दवाएं बनाने वाली सामग्री है। इससे क्यूबा के लोगों की जिंदगी बचाने में मदद मिलेगी।
गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के सारे रास्ते बंद हो जाने के बाद अमेरिका ने अब इसकी भी काट खोज ली है। अमेरिका ने गाजा में इसके लिए अस्थाई पोतघाट तैयार किया है, जिसके जरिये संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीनियों को राहत सामग्री भेजना आरंभ कर दिया है।
भारत ने बाढ़ प्रभावित केन्या को राहत सामग्री भेजकर एक बार फिर विश्व बंधुत्व की भावना को सच साबित किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पोस्ट के जरिये बताया कि भारत ने 40 टन सामग्री की दूसरी खेप केन्या को आज रवाना की।
जिम्बाब्वे में भयंकर सूखा पड़ने से फसलें सूख गई हैं। नदियों और तालाबों में धूल उड़ रही है। आधे से अधिक आबादी के सामने पेयजल और खाद्य पदार्थों का भारी संकट है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने दुनिया से जिम्बाब्वे की मानवीय मदद करने की अपील की है।
गाजा में भूख से लोग बेहाल हो उठे हैं। संयुक्त राष्ट्र के दावे के अनुसार गाजा की 25 फीसदी से ज्यादा आबादी भुखमरी के कगार पर है। इससे हालात बेकाबू हो गए हैं। नतीजतन गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने वाले ट्रकों को लूटा जा रहा है। लोग राहत सामग्रियों की लूट करने के लिए ट्रक पर गोलीबारी तक कर रहे हैं।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों से पहले इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देश की शीर्ष अदालत ने उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को आम चुनाव में भाग ले सकने की अनुमति दे दी है। हालांकि इमरान खान अभी भी जेल में हैं और अदालत पहले ही उन्हें चुनाव के लिए अयोग्य ठहरा चुकी है।
इंडोनेशियाई द्वीप समूह के नजदीक और प्रशांत महासागर से लगा छोटा देश पापुआ न्यू गिनी में भीषण ज्वालामुखी विस्फोट ने तबाही मचा दी है। इससे हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। भारी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। संकट के वक्त भारत ने पापुआ न्यू गिनी को 10 लाख डॉलर मूल्य की राहत भेजी है।
गाजा युद्ध पीड़ितों के लिए मिस्र की दरियादिली से बड़ी राहत मिलनी शुरू हो गई है। मिस्र ने गाजा में मानवीय सहायता के लिए अपने बॉर्डर को खोल दिया है। इससे विभिन्न देशों से गाजा युद्ध पीड़ितों के लिए भेजी गई राहत सामग्री से भरी ट्रकें पीड़ितों के दर तक पहुंचने लगी हैं। इससे लोगों को भोजन, दवा, कपड़ा, पानी मिलने लगा है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
New Pain Relief Techniques: अगर आप किसी तरह के दर्द से परेशान हैं तो इसके लिए अब दर्द निवारक दवाएं खाने की जरूरत नहीं है, बल्कि "धोखा" खाइये। इससे आपका दर्द पूरी तरह कम हो जाएगा। इसके बाद सभी प्रकार की चिंताओं और गम से भी मुक्त हो जाएंगे। आपको सुनकर यह अजीब लग रहा होगा कि यह कौन से फिजूल की बातें हैं?.
Floods Crisis in pakistan: पाकिस्तान में बाढ़ का कहर ऐसा टूटा है कि कई देशों द्वारा दी गई अंतरराष्ट्रीय मदद भी अब नाकाफी होने लगी है। इसकी वजह ये है कि अपने लोगों को बचाने के लिए पाकिस्तान सिर्फ दूसरे देशों पर ही निर्भर हो गया है। स्वयं से कुछ भी नहीं कर रहा।
आज कल बहुत लोगों को दातों में सेंसिटिविटी की समस्या है। ऐसे में ठंडा, गरम और मीठा खाते ही तेज दर्द होने लगता है।
सरकार ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा की है। इसमें 100 प्रतिशत एफडीआई और बकाया भुगतान पर चार साल की मोहलत शामिल हैं
एसिडिटी एक आम समस्या है। इससे राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सिरदर्द एक आम समस्या है। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे थकावट, तनाव या फिर बुखार। सिरदर्द होने पर किसी काम में मन नहीं लगता।
दिहाड़ी मजदूरों, प्रवासियों और निर्माण मजदूरों की जरूरत को पूरा करने के लिए पूरे दिल्ली में स्कूलों और निर्माण स्थलों पर भोजन वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
पेठे का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है। ये खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही शरीर की कई बीमारियों को भी दूर रखने में मदद करता है।
दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा है कि कंस्ट्रक्शन वर्कर्स समाज के सबसे गरीबतम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और महामारी के दौरान उनपर सबसे ज्यादा बुरी मार पड़ी है।
ट्रंप ने अपने इस वीडियो संदेश में कहा है कि 900 अरब डॉलर का राहत पैकेज एक फजूल का खर्च है और इसमें कठोर मेहनत कर टैक्स देने वाले अमेरिकन नागरिकों को राहत के रूप में केवल 600 डॉलर दिए जा रहे हैं।
रिलीफ फंड से गरीबों को उनके इलाज पर खर्च में मदद दी जाती है, इसके लिए सिर्फ एक फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करना पड़ता है। फंड के जरिए सरकारी अस्पतालों और फंड के पैनल में शामिल निजी अस्पतालों के इलाज के बिल को चुकाने में मदद दी जाती है।
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