लाल सागर में विभिन्न देशों की जहाजों को निशाना बना रहे हूती आतंकियों के ठिकाने पर अमेरिका ने नया हमला किया है। अमेरिका इससे पहले कई बार हूतियों को लाल सागर में हमले रोकने की चेतावनी दे चुका है। मगर हूतियों पर इस चेतावनी का असर नहीं हुआ। लिहाजा अमेरिकी सेना हूती ठिकानों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है।
यूएस सेंट्रल कमांड ने घोषोणा की है कि सोमवार को हूती विद्रोहियों ने एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से अमेरिका के स्वामित्व वाले और संचालित मालवाहक जहाज पर हमला किया है।
हूतियों ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा उनके ठिकानों पर किए गए बड़े हमलों पर पलटवार किया है। अमेरिकी ठिकाने को निशाना बनाकर एंटी शिप क्रूज मिसाइल हूतियों ने दागी है। इस पर अमेरिका ने जानिए क्या एक्शन लिया?
लाल सागर में विभिन्न देशों की जहाजों पर हमले कर रहे यमन के हूती विद्रोहियों की शामत आ गई है। ब्रिटेन और अमेरिकी सेना के हमलों से हूतिये थर्रा उठे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन की अगुवाई में कई देशों ने मिलकर लाल सागर में समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ शुरू किया है।
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के एक और बड़े ठिकाने को लक्षित करते हुए यमन में भीषण एयरस्ट्राइक की है। हालांकि इसमें अभी तक हुए नुकसान का अंदाजा नहीं है। अमेरिका को इस हमले के बाद हूती विद्रोहियों के पलटवार की भी आशंका है, ऐसे में लाल सागर में अमेरिकी सेना ने अपनी जहाजों को संभावित हमलों वाले इलाकों से दूर रहने को कहा है।
लाल सागर में यमन के हूतियों ने एक बार फिर कई जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। हालांकि इनमें किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। हूतियों ने यह हमले अमेरिका और फ्रांस की चेतावनी के बावजूद किया है। हूतिये गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ लगातार लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
लाल सागर में हूतियों के आतंक से व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है। इससे माल ढुलाई 60 फीसदी और बीमा प्रीमिय में 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की आशंका जाहिर की गई है। इसकी वजह यह है कि हूतियों के हमले से बचने के लिए वाणिज्यिक जहाज अब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें काफी दूर घूमकर जाना पड़ रहा है।
हूतियों के हमलों में अहम बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों को निशाना बनाया गया है। बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य एशिया और यूरोप को जोड़ता है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने जहाज यातायात की सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ का गठन किया है और वर्तमान में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के युद्धपोत इस क
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान गाजा में हो रही आइडीएफ की सैन्य कार्रवाई से खफा हूतियों ने लाल सागर में ताबड़तोड़ हवाई हमले करना जारी रखा है। 19 दिसंबर से अब तक 15 दिनों में हूतियों ने 23 हमलों को अंजाम दिया है। ऐसे में अमेरिका समेत 12 देशों ने हूतियों को हमले बंद नहीं करने पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है।
लाल सागर में हूती आतंकियों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ईरान के समर्थन वाले हूतियों ने एक बार फिर लाल सागर में दो जहाजों को एंटीशिप बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया है। हालांकि गनीमत है कि इस हमले में दोनों जहाज बाल-बाल बच गए हैं। हूतियों ने अब अमेरिकी युद्धपोत पर हमले की चेतावनी दी है।
भारतीय नौसेना ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी से उतर चुकी है। भारतीय नौसेना ने किसी भी देश के वाणिज्यिक वाहन को लाल सागर में अपने क्षेत्र में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा नौसेना ने हमलावरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय युद्धपोत तैनात कर दिया है।
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया है। इसकी जानकारी पेंटागन की ओर से दी गई है।
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। शिपिंग कंपनियां डरी हुई हैं। अगर लंबा रूट लिया जाता है, तो समय और लागत दोनों ही काफी अधिक बढ़ जाएंगी। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है।
लाला सागर में जिस एमवी साईबाबा जहाज पर हमला हुआ है, उसके भारतीय ध्वजवाहक होने के दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों के अनुसार एमवी साईबाबा गैबन-ध्वजवाहक पोत है। अमेरिका ने इसके भारतीय होने का दावा किया था।
लाल सागर में पहली बार भारतीय झंडा लगे जहाज पर ड्रोन हमला किया गया है। इसमें 25 भारतीय चालक दल सवार थे। हमले के बाद सभी चालक दल सुरक्षित बताए जा रहे हैं। इस बीच पेंटागन ने रिपोर्ट दी है कि हूती विद्रोहियों ने भारतीय जहाज को निशाना बनाया है। इसके साथ ही गैबन-ध्वजांकित एमवी साईबाबा जहाज पर भी हमला किया गया है।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच लाल सागर में यमन के हमलों ने तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी भड़का दी है। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देश अब आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए अपने युद्धपोतों को जवाबी कार्रवाई के लिए एक्टिव कर चुके हैं। इससे लाल सागर में उथल-पुथल मच गई है। भारत हर हालात पर निगरानी रख रहा है।
हूती विद्रोहियों के हमलों को नाकाम करने के लिए अमेरिका ने देशों का संगठन बनाने की घोषणा की है। इसमें कई देश शामिल हैं। इससे लाल सागर में हूती विद्रोही जो इजराइली या इजराइल की ओर जाने वाले जहाजों को निशाना बनाते हैं, उन पर नकेल कसी जा सकेगी।
इजरायल-हमास युद्ध में यमन की एंट्री और लाल सागर में उसके विद्रोहियों की हमले ने भूमध्यसागर तक खलबली मचा दी है। अमेरिका ने इजरायल के करीब भूमध्यसागर में अपने 2 दुर्लभ एयरक्रॉफ्ट कैरियरशिप को तैनाती पर बने रहने का आदेश दिया है। ताकि यमन जैसे हमलावरों को कड़ा जवाब देने के साथ इजरायल की रक्षा की जा सके।
गाजा पर इजरायली हमले से बौखलाया यमन हमास आतंकियों के साथ खड़ा हो गया है। वह लाल सागर में इजरायल और उसके समर्थक देशों को लगातार निशाना बना रहा है। यमन के विद्रोहियों ने लाल सागर में लाइबेरिया के एक जहाज पर घातक ड्रोन हमला किया है। इसके बाद जहाज में आग लग गई और काला धुआं उठता दिखाई दे रहा है।
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