इंडिया फोर्ब्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज ने 1200 एकड़ भूमि के विकास के लिए नवी मुंबई में ऑरेंज स्मार्ट सिटी के संयुक्त उद्यम के साथ समझौता किया है। इस परियोजना में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये की 10 लाख करोड़ वर्ग फुट एरिया में प्रोजेक्ट बनेंगे।
नाइट फ्रैंक और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडेको) की ज्वाइंट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र अभी जीडीपी में 7.3% का योगदान दे रहा है। ऐसे में जिस तरह से देशभर में घरों की मांग बढ़ी है, यह सेक्टर आने वाले सालों में जीडीपी में और बड़ा कंट्रीब्यूशन करेगा।
दुनिया में चल रहे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दर के चलते इस अवधि में अधिकतर समय विदेशी निवेशकों की गतिविधियां धीमी रहीं।
प्रोजेक्ट को पेश करने से पहले के फेज में ही 72 घंटे में सारे अपार्टमेंट बिक गए हैं। आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग को देखते हुए कंपनियों के कारोबार में पंख लग गए हैं।
नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या पिछले साल के अंत से 15 प्रतिशत घटकर 8,658 इकाई हो गई, जो 2022 के अंत में 10,171 इकाई थी। ग्रेटर नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या 2022 के अंत में 26,096 इकाइयों से 28 प्रतिशत गिरकर 2023 के अंत में 18,825 इकाइयों पर आ गई।
रियल एस्टेट में सुधार के लिए रेरा लगातार कदम उठा रहा है। अब यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। अभी तक कई बिल्डर भोले-भाले खरीदारों से ज्यादा पैसा ले लेते हैं।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में घरों की बिक्री 2022 के 19,240 से 11 प्रतिशत बढ़कर 2023 में 21,364 इकाई हो गई। नए घरों की आपूर्ति 15,382 इकाई से 34 प्रतिशत बढ़कर 20,572 इकाई हो गई। दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद को शामिल किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।
कोलियर्स इंडिया के मुताबिक, रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 129.94 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। हालांकि पिछले साल निवेश में 53 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ ऑफिस सेगमेंट 302.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया.
आंकड़ों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष 2023 में आवासीय बिक्री 4,76,530 इकाई रही। यह किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज अभी तक की सबसे अधिक बिक्री है। 2022 में 3,64,870 इकाइयों की बिक्री की गई थी।
दिल्ली-एनसीआर में कई हॉट प्रॉपर्टी मार्केट हैं, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और गुरुग्राम शामिल हैं। हालांकि, इनमें गुरुग्राम ने प्रीमियम प्रॉपर्टी की डिमांड को लेकर सबको पीछे छोड़ दिया है। गुरुग्राम में करोड़ों कीमत के फ्लैट धड़ाधड़ बिक रहे हैं।
नए साल में होम लोन सस्ता होने की पूरी उम्मीद है। आरबीआई ने 2023 में होम लाने पर बढ़ी ईएमआई में कमी नहीं की है। हालांकि, अब महंगाई कंट्रोल में है। ऐसे में बहुत उम्मीद है कि अगले साल यानी नए साल में आरबीआई कर्ज सस्ता करेगा।
करीब चार महीने पहले समिति बनी थी। समिति ने डेवलपर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी संस्तुतियां दी थी। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। सिफारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को सिफारिशें भेजी था।
Suraj Estate IPO: सूरज एस्टेट के आईपीओ का प्राइस बैंड 340 रुपये से लेकर 360 रुपये प्रति शेयर निर्घारित किया गया है। ये आईपीआई 20 दिसंबर तक आम जनता के लिए खुला रहेगा।
एनारॉक के मुताबिक, जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान टॉप सात शहरों में 3.49 लाख यूनिट्स बेची गईं। बिक्री आंकड़ा 2022 में 3.65 लाख यूनिट्स के मुकाबले इस साल 4.5 लाख यूनिट्स को पार करने को तैयार है।
अगर आप अपना घर बुक करने जा रहे हैं तो बुक करने से पहले डेवलपर्स से पांच सवाल जरूर पूछे। ऐसा कर आप बाद की परेशानियों से बच जाएंगे और टेंशन फ्री रहेंगे।
साल के अंत में प्रॉपर्टी ब्रोकर और डेवलपर्स के पास खरीदारों की भीड़ नहीं होती है। इसके चलते आप आसानी से सही प्रॉपर्टी का चयन कर सकते हैं।
देश में 2023 में अभी तक शीर्ष सात शहरों में बेची गई 58 अल्ट्रा-लक्जरी संपत्तियों में से अकेले मुंबई में 53 इकाइयां बेची गईं। गुरुग्राम में दो अपार्टमेंट और नई दिल्ली में दो बंगले बेचे गए। हैदराबाद के जुबली हिल्स में 40 करोड़ रुपये से अधिक का एक आवासीय सौदा हुआ।
सेबी की तरफ से छोटे और मध्यम रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) सेट अप करने का फैसला लिया गया है। यह नया नियम जमीन-जायदाद के क्षेत्र के विकास को गति देने में सक्षम होगा। यह पहल खासकर इससे अपरिचित खुदरा निवेशकों के लिए फायदेमंद है।
गुरुग्राम में संपत्ति की कीमतों में अभूतपूर्व 70 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि जिला प्रशासन ने वर्ष 2024 के लिए नए कलेक्टर रेट प्रस्तावित किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित दरों पर लोगों से 7 दिसंबर तक आपत्तियां मांगी गई हैं।
संपादक की पसंद