ग्राहक 15 मार्च 2024 के बाद भी रिफंड, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या ब्याज दरें प्राप्त कर सकते हैं। ग्राहक 15 मार्च के बाद पीपीबी के साथ अपने खाते में अपनी सैलरी नहीं प्राप्त कर पाएंगे।
पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के हिसाब से जानकारी, दस्तावेज उपलब्ध करा रही है। उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पैसा बाहर भेजने का काम नहीं करती है।
RBI की ओर से विजा और मास्टरकार्ड को सभी BPSP को रोकने का आदेश दिया गया है। आइए जानते हैं इसका यूजर्स पर क्या असर होगा।
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों के स्वस्थ बहीखातों के साथ घरेलू वित्तीय प्रणाली की मजबूती पर गौर करते हुए कहा कि किसी भी तरह की ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है।
लंबे समय से लोन की ईएमआई कम होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। फाइनली लोन की ईएमआई कब कम होगी, इस बात की जानकारी मिल गई है। दुनियाभर समेत भारत में महंगाई कम होने से लोन सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है।
31 जनवरी को, भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर अत्यधिक कारोबारी प्रतिबंध लगा दिए। आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद ग्राहक खातों में नई जमा राशि पर रोक लगा दी।
कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2023 के आखिर में 7.81% से घटकर सितंबर 2023 के आखिर में लगभग 7.37% हो गई। सोने की बढ़ती कीमतों के बीच आरबीआई ने ज्यादातर दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह खरीदारी में कटौती की है।
दास ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है।
दिलचस्प बात है कि यह टिप्पणी बजाज फिनसर्व के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के भाषण के ठीक बाद आई। बजाज ने अपने भाषण में कहा था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए बैंक लाइसेंस के बारे में क्यों नहीं सोचना चाहिए, खासतौर से उनके बारे में जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कोई प्रणालीगत चिंता नहीं है और पेटीएम पर कार्रवाई ‘‘अनुपालन की कमी’’ के कारण हुई है। ऐसी अटकले हैं कि आरबीआई के आदेश के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक की स्वतंत्र निदेशक मंजू अग्रवाल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है।
आपको बता दें कि जब भी एफडी दरें गिरनी शुरू होंगी तो इसका सबसे पहला असर छोटी से मध्यम अवधि की ब्याज दरों पर पड़ेगा। इससे बचने के लिए जितनी जल्दी हो एफडी करना फायदेमंद होगा।
RBI MPC में निर्णय लिया गया है कि अब बैंकों को लोन लेने वाले रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों को की फैक्ट शीट देनी होगी। इससे बैंकिंग सिस्टम में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।
RBI MPC Highlights: आरबीआई की ओर से नई मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को जस के तस रखा गया है।
RBI की ओर से आज नई मॉनेटरी पॉलिसी जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट को यथावत रखा जाएगा।
Jai Prakash Narayan Nagari Cooperative Bank : जय प्रकाश नारायण नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस आरबीआई ने रद्द कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदेह है।
31 जनवरी को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को नए ग्राहकों को शामिल नहीं करने और इस साल 29 फरवरी के बाद आगे जमा या क्रेडिट लेनदेन नहीं करने का आदेश दिया था।
paytm payments bank news : पेटीएम वॉलेट यूजर्स 29 फरवरी तक लेनदेन जारी रख सकते हैं। ग्राहक 29 फरवरी के बाद वॉलेट में कोई पैसा नहीं जोड़ पाएंगे। इस समय 20 से अधिक बैंक और गैर-बैंकिंग संस्थाएं वॉलेट सेवा देती हैं।
आपको बता दें कि आरबीआई ने कोरोना महामारी के बाद से रेपो रेट में 250 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी की है। वहीं, आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है क्योंकि मुद्रास्फीति काफी हद तक बैंक के 2% -6% लक्ष्य सीमा के भीतर रही है। ऐसे में इस बार भी उम्मीद कम है कि रेपो रेट में कोई बदलाव हो।
सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे।
why rbi banned paytm payment bank : पेटीएम पेमेंट्स बैंक में करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, सूत्रों ने कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए किए जाने की आशंका है।
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