रिजर्व बैंक की आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंता को देखते हुए देश के प्रमुख बैंकरों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मार्च तक नीतिगत दर में 0.25 से लेकर 0.40 प्रतिशत तक और कटौती की जा सकती है।
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर 2019 को होनी तय।
RBI ने दिया दिवाली का तोहफा, रेपो रेट में की 25 आधार अंकों की और कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है। एसबीआई ने सभी अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटायी है।
रेपो रेट में कटौती के बाद अब बैंकों पर भी कर्ज की दरों को कम करने का दबाव बढ़ेगा और हो सकता है कि आने वाले दिनों में बैंक होम और कार लोन की दरों में कटौती करें।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज ब्याज दरों का ऐलान करेगा। बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए लगातार चौथी बार रेपो रेट (नीतिगत दर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
आज बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला, लेकिन कारोबार के कुछ ही मिनटों में लाल निशान पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक में ब्याज दरों में कटौती के लिए तर्क देते हुए कहा था कि इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियां कमजोर हुईं हैं।
एनएसई निफ्टी 22.10 अंक यानी 0.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 10,934.35 अंक पर बंद हुआ।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 213 अंक या 0.68 प्रतिशत चढ़ गया। वाहन कंपनियों के शेयरों में लाभ से निफ्टी भी 9,800 अंक के स्तर को पार कर गया।
देश में जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद मैन्युफैक्चरिंग PMI में गिरावट आई है, क्योंकि इस दौरान नए ऑर्डर और उत्पादन में कमी रही।
जीएसटी की तैयारियों के बीच भारतीय शेयर बाजार एक नई ऊंचाई पर पहुंच गए। सेंसेक्स दूसरे कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ 31,309.49 अंक पर बंद हुआ।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा, वृहद आर्थिक आंकड़ों और प्रमुख वैश्विक घटनाक्रमों से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी और अप्रैल में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों (ब्याज) में चौथाई-चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
RBI के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति मंगलवार को अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने का समय बदलकर मध्य दोपहर कर दिया है। केंद्रीय बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार को होनी है।
रेपो रेट 6.5 फीसदी और सीआरआर 4 फीसदी पर बरकरार है। इतना ही नहीं, आरबीआई ने महंगाई और आर्थिक ग्रोथ के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
महंगाई दर संतोषजनक स्तर से ऊपर होने के कारण मंगलवार को गवर्नर रघुराम राजन की आखिर मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है।
कानून के नए प्रावधानों को अमल में लाते हुए सदस्यीय समिति की स्थापना की दिशा में पहल की है। मौद्रिक समीक्षा में यही समिति ब्याज दरों पर फैसला करेगी।
मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में बदलाव की संभवना कम है। एक्सपर्ट्स इसके पीछे बढ़ती महंगाई और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमत को मान रहे हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़