रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 31 जनवरी 2020 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों के ऋण कारोबार और जमा राशि में वृद्धि क्रमश: 7.13 प्रतिशत और 9.91 प्रतिशत रही।
व्यक्तिगत कर्ज आलोच्य महीने में 15.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि दिसंबर 2018 में इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
देश से सेवाओं का निर्यात अक्टूबर में 5.25 प्रतिशत बढ़कर 17.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान सेवाओं का आयात का आंकड़ा 10.86 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी बाजारों से रिण के तौर पर जुटायी गई रकम अक्टूबर 2019 में दोगुनी होकर 3.41 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
पिछले 4 साल के दौरान देश में बैंकिंग सेवाओं में तेजी से ग्रोथ देखने को मिली है जिससे बैंकों के साथ नए ग्राहक जुड़े हैं और बैंकों की तरफ से ग्राहकों को ज्यादा मात्रा में डेबिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में डेबिट कार्ड का आंकड़ा 90 करोड़ को पार कर गया है
देश में इस समय जनता के हाथ में मुद्रा का स्तर 18.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है जो इसका अब तक अधिकतम स्तर है। यह नोटबंदी के दौर की तुलना में दोगुने से अधिक है। नोटबंदी के बाद जनता के हाथ में मुद्रा सिमट कर करीब 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गयी थी। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता संभाले हुए 4 साल हुए हैं, ऐसे में 4 साल पूरे होने के मौके पर सरकार के किए गए कामों का हिसाब लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में इंडिया टीवी भी अलग-अलग क्षेत्र में हुए कामों की समीक्षा कर रहा है। आज हाम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्गों के हुए निर्माण के बारे में और इसके लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों को आधार बनाया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में बिजली क्षेत्र में हुए काम को भी गिनाते हैं, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बिजली को लेकर जारी हुए आंकड़ों में प्रधानमंत्री मोदी का दावा सही नजर आ रहा है। RBI के आंकड़ों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं के दूसरे कार्यकाल यानि 2009 से 2014 के दौरान देश में प्रति व्यक्ति उपलब्ध ऊर्जा में जितनी ग्रोथ हुई थी उससे ज्यादा ग्रोथ मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 साल के कार्यकाल में हो गई है
पिछले 3-4 साल से देश में बैंकिंग व्यवस्था का तेजी से विस्तार हुआ है और इस विस्तार का फायदा देश के ग्रामीण बैंकों को भी मिला है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से देश के राज्यों को लेकर जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2014 से मार्च 2017 के दौरान देश में ग्रामीण बैंक शाखाओं की संख्या में लगभग 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान देश में फैक्ट्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी निकलकर आई है। आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के शुरुआती 2 साल यानि 2014-15 और 2015-16 के दौरान देश में फैक्ट्रियों की संख्या में 8 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है
सरकारी बैंकों (PSBs) ने अप्रैल 2014 और सितंबर 2017 के बीच 2.42 लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाल दिए। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में लिखित जवाब में ये जानकारी दी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 86.22 करोड़ डॉलर घटकर 398.79 अरब डॉलर रह गया
वित्त मंत्रालय ने 500 और 1000 रुपए के बंद नोटों को जमा कराने के लिए एक और अवसर देने की संभावना से इनकार किया है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 2.681 अरब डॉलर बढ़कर 389.059 अरब डॉलर की नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया है।
वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों का वित्तीय घाटा बढ़कर 4,93,360 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह घाटा वित्त वर्ष 1991-92 में 18,790 करोड़ रुपए था।
देश का चालू खाता घाटा (CAD) वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में बढ़कर 3.4 अरब डॉलर रहा है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 0.6 प्रतिशत के बराबर है।
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