अमृतसर के रहने वाले नारा भी उसी रेलवे ट्रेक के पास खड़े थे जब ट्रेन इनके सामने ही और लोगों के साथ इनके दो भाइयों को कुचलती हुई निकल गई।
पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।'
अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी ने भी शिरकत की।
ये हादसा तब हुआ जब जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था। जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल की पटरी पर चले गए।
देशभर में शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर रावण के पुतलों का जगह-जगह दहन किया गया लेकिन इस प्रचलित धार्मिक परम्परा के उलट दशानन के भक्तों ने उसकी विशेष पूजा-अर्चना की।
दशहरा समारोह 2018: देखें, पटना के गांधी मैदान में रावण दहन
स्वामी ने कहा कि रावण ने मानसरोवर में तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें एक वरदान दिया। इसके फलस्वरूप रावण लंका गया और अपने चचेरे भाई कुबेर को हराकर 'लंका नरेश' बन गया।
दरअसल पुतले बनाने के लिए शिल्पकारों को अभी तक स्थान आवंटित नहीं किए गए हैं।
Ravan effigies go up in flames on Dussehra
देश भर में आज पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ लोगों ने दशहरा मनाया। केंद्र सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों ने सैनिकों के साथ दशहरा मनाया। लेकिन कल एक रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत के कारण मुंबई में लोगों का उत्साह फीका रहा।
ग्रेटर नोएडा से लगे बिसरख गांव में किसी से रावण के मंदिर के बारे में पूछिये तो आपको संभवत: रूखा जवाब मिले। वह रावण बाबा हैं।
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