ड्राइवर ने स्पीड कम की थी, अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्घटनास्थल पर अंधेरा था, ट्रैक थोड़ा मुड़ाव में था इसलिए ड्राइवर को ट्रैक पर बैठे लोग नजर नहीं आए।
अमृतसर के रहने वाले नारा भी उसी रेलवे ट्रेक के पास खड़े थे जब ट्रेन इनके सामने ही और लोगों के साथ इनके दो भाइयों को कुचलती हुई निकल गई।
पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।'
अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी ने भी शिरकत की।
ये हादसा तब हुआ जब जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था। जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल की पटरी पर चले गए।
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