रावण की कहानी हम सभी के लिए चेतावनी की तरह है। उसका अहंकार, अति आत्मविश्वास, लालच और संसाधनों का दुरुपयोग अंततः उसके पतन का कारण बना। उसी तरह, अगर इन गुणों पर ध्यान न दिया जाए तो ये आर्थिक बर्बादी का कारण बन सकते हैं।
देशभर में शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर रावण के पुतलों का जगह-जगह दहन किया गया लेकिन इस प्रचलित धार्मिक परम्परा के उलट दशानन के भक्तों ने उसकी विशेष पूजा-अर्चना की।
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