अमृतसर के निकट ब्यास में एक निजी स्कूल के अंदर 15 वर्षीय छात्र ने कथित तौर पर आठ वर्षीय लड़की से दुष्कर्म किया।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल को LNJP अस्पताल ले जाया गया है। पिछले 13 दिनों से स्वाति राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठी हुई थीं।
मेडिकल जांच में बच्ची के निजी अंगों में चोट की पुष्टि होने पर आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर दिया गया है। आरोपी किशोर की तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार आरोपी किशोर को उसके पिता ने छोड़ दिया था तथा उसकी मां की मौत हो चुकी है। वह आवारा की तरह घूमता रहता है।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 30 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक नर्स को मोटरसाइकिल पर लिफ्ट देने के बाद कथित तौर पर उससे बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या करने की कोशिश की।
बिहार निवासी आरोपी पहले पानीपत भागा, इसके बाद दिल्ली आया और फिर इंदौर चला गया, जहां से उसे हिरासत में लेकर कर वापस लाया गया
शाहपुर थाने के क्षेत्राधिकारी गिरिजा शंकर त्रिपाठी ने कहा कि बुधवार रात को चारों व्यक्ति महिला के घर में जबरन घुस गए और उस पर तेजाब फेंक दिया क्योंकि महिला ने उनके खिलाफ यहां एक अदालत में चल रहे बलात्कार के मामले को वापस लेने से मना कर दिया था।
सुप्रिया ने राज्य की पुलिस पर भी पूरी तरह विफल रहने और साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री की पूरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी।
पलक्कड़ के पुलिस प्रमुख ने पीटीआई-भाषा को बताया, "जब वह (मधु) कोयंबटूर से अपने घर आया तो समूह ने उसे कथित रूप से बलात्कारी कहा। उसने कुछ अशिष्ट भावों और शब्दों का इस्तेमाल किया तो उसकी स्थानीय लोगों से लड़ाई हो गई, जिसके बाद उसकी पिटाई की गई।"
उच्च न्यायालय ने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें घटना पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि यह न्यायेतर हत्या है।
नीरज कुमार ने कहा कि दिसंबर 2012 में जब निर्भया का मामला हुआ था वो ‘मुश्किल समय’ था, क्योंकि पुलिसकर्मियों के साथ ‘बलात्कारियों’ की तरह बर्ताव किया जा रहा था।
हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर पर एक बड़ा वर्ग जहां इस मसले पर हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहा है तो कुछ लोगों ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किए हैं।
हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। एक बड़ा वर्ग जहां इस मसले पर हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहा है तो कुछ लोगों ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किए हैं।
हैदराबाद की डॉक्टर बेटी के साथ हैवानियत की हदें पार करने वाले चार दरिंदों को पुलिस ने ढेर कर दिया है। चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, शिवा, नवीन कुमार और केशवुलु का एनकाउंटर उसी जगह पर हुआ जहां उन्होंने गैंगरेप के बाद लेडी डॉक्टर को जलाया था।
बताया जा रहा है कि एनएच 44 पर सीन ऑफ क्राइम में रिकंस्ट्रक्शन के लिए पुलिस इन आरोपियों को वहां ले गई थी। इस बीच बच कर भागने की कोशिश करते हुए आरोपियों को पुलिस ने मार गिराया।
संसद में एक सांसद अगर ये कहे कि अपराधी को पब्लिक के हवाले कर देना चाहिए तो ये बात बहुत गंभीर है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि संसद में कानून तो सजा-ए-मौत का बना लेकिन इंसाफ नहीं मिला। हैदराबाद में जो हुआ वैसा ही दिल्ली में हुआ था।
हैदराबाद के निकट शादनगर अदालत पुलिस की उस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी जिसमें पूछताछ के लिए चारों आरोपियों को 10 दिन के लिये हिरासत में दिये जाने की मांग की गई है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में कहा, ‘‘आतंकवाद और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने के संकल्प की तरह ही सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता रखती है।’’
हैदराबाद में पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के परिजन सदमे में हैं। उनका कहना है कि उनके बच्चों को अपराध के अनुरूप सजा दी जानी चाहिए।
गोवा प्रदेश महिला कांग्रेस समिति (जीपीएमसीसी) की अध्यक्ष प्रतिमा काउतिन्हो ने कहा कि इस मामले में अदालत की सुनवाई सात दिन में पूरी हो जानी चाहिए। इसके बाद दोषियों को गोली मार दी जाए और इसे टीवी पर दिखाया जाए, ताकि विकृत सोच वाले लोगों को कड़ा संदेश जाए ।
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