श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अचानक कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे पूरे देश में हलचल मच गई है। श्रीलंका की पुलिस ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर आज रात 10 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 21 सितंबर को यानि शनिवार को होना है। यहां 38 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। हालांकि प्रमुख मुकाबला रानिल विक्रमसिंघे और सजित प्रेमदासा के बीच है।
श्रीलंका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं। इस चुनाव में उम्मीदवारों की बात करें तो कुल 38 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को बड़ी चुनौती मिलती हुई नजर आ रही है।
श्रीलंका में हो रहे एनएसए स्तरीय सम्मेलन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी से चीन चौकन्ना है। भारत का प्रयास श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस में चीन की उन सभी रणनीतियों को रोकना है, जिसे वह भारत के खिलाफ तैयार करने में जुटा है।
श्रीलंका अब अपने बुरे दौर से बाहर आ गया है। आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे ने दिल खोलकर भारत की मदद की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत ने 3.5 अरब डॉलर का ऋण दिया, तभी यह संभव हो सका।
दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की श्रीलंका की यह यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा है। जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
जब वायरल वीडियो की पड़ताल की गई तो इसे लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। यह वीडियो 2017 का है और तब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे। यह वीडियो श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात के दौरान का है।
युगांडा की राजधानी कंपाला में " जयशंकर ने श्रीलंका, फिलिस्तीनी, बहरीन, सर्बिया, बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने पड़ोसी देश को 1.5 करोड़ डॉलर की मदद करने की पेशकश की है। इस मसौदे पर भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कैबिनेट मे बदलाव किया है। उधर, विपक्ष ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे पर चुनाव स्थगित करने की योजना बनाने का आरोप लगाया है।
दुबई एयरपोर्ट पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने ममता बनर्जी से जो कुछ भी पूछा उसे सुनकर ममता को भी यकीन नहीं हुआ।
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 2 से 3 सितंबर तक श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह भारत-श्रीलंका के संबंधों को मजबूती देने को लेकर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। साथ ही श्रीलंका में चीन की दखलंदाजी को खत्म करने और उसकी बदनीयती पर अंकुश लगाने को लेकर भी चर्चा होगी। राजनाथ सिंह की इस यात्रा से चीन परेशान है।
श्रीलंका चीन की फांस में अब नहीं फंसना चाहता है। मगर चीन कर्ज के एहसान तले श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो कर रही रहा है। साथ ही साथ वह भारत की सुरक्षा में भी ताक-झांक कर रहा है। श्रीलंका के बंदरगाहों पर चीनी जासूसी जहाजों का दबाव बनाकर आना इसका एक उदाहरण है। इसलिए श्रीलंका अब सतर्क है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत से जुड़े एक मामले में सभी राजनीतिक दलों को मिलकर एक साथ सहयोग करने की अपील की है। यह अपील करने से पहले वह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक, रणनीति रिश्तों को और बेहतर करने व आगे बढ़ाने के उद्देश्य से श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और पीएम मोदी के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रगाढ़ होने और आपसी विकास पर बात की।
भारत और श्रीलंका के संबंध फिर से नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले हैं। श्रीलंका शुरू से भारत का सहयोगी रहा है, लेकिन सत्ता बदलने के साथ श्रीलंका का सुझाव बीच में चीन की तरफ होने लगा था। मगर जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डूबने लगी तो भारत ने ही उसकी सबसे ज्यादा मदद की। इसका एहसास अब राष्ट्रपति रानिल विक्रम समेत उनके देश को है।
श्रीलंका और भारत एकदूसरे के परंपरागत मित्र हैं। चीन भले ही श्रीलंका पर कितने डोरे डाले, भारत से श्रीलंका की दोस्ती अटूट है। यही कारण है कि भारत ने श्रीलंका के बुरे वक्त में उसकी मदद की। हालांकि इसी बीच श्रीलंका में पिछले साल हुए विद्रोह के बाद परिस्थितियां काफी बदली हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 20 जुलाई को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। दोनों देशों के संबंधों का इतिहास भी आजादी के वक्त का है। दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों के 75 साल पूरे हो रहे हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे अगले हफ्ते से भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। मगर उससे पहले श्रीलंका में भारत समर्थित संविधान संशोधन 13 ए लागू करने की मांगों ने जोर पकड़ लिया है। हालांकि श्रीलंका भी इसके पक्ष में है। मगर वहां का विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। 13 ए लागू होने से तमिलों का विशेष फायदा होगा।
भारत और श्रीलंका के प्राचीन समय से अच्छे संबंध रहे हैं। मगर चीन भारत और श्रीलंका के संबंधों को खराब करने पर तुला है। श्रीलंका को इस बात का एहसास तब हुआ, जब उसके आर्थिक संकटकाल में केवल भारत काम आया। इसलिए अब श्रीलंका चीन को नजरंदाज करने लगा है। राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे भारत यात्रा पर आने वाले हैं।
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