देश के शीर्ष डॉक्टरों ने बुधवार को कहा कि ''ऑक्सीजन दवा के जैसी है'' और रुक-रुक इसे लेना फायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई डाटा नहीं है, जो दर्शाता हो कि यह कोविड-19 रोगियों के लिए किसी भी तरह मददगार है या होगी, लिहाजा यह बेकार की सलाह है।
डॉक्टर गुलेरिया का मानना है कि वैक्सीन कोई सॉल्यूशन नहीं है, इसे लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। उन्हें नॉर्मल फ्लू जैसी स्थिति हो सकती हैं लेकिन उनकी मौत की संभावना बेहद कम हो जाएगी।
कोरोनावायरस को लेकर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि अभी तो यह बीमारी काफी समय रहेगी, फिर ये हो सकता है कि कुछ समय बाद लोगों में इम्युनिटी बढ़े, इतने ज्यादा मामले नहीं होंगे।
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि नाक के जरिए दिए जाने वाले कोविड-19 टीके स्कूली बच्चों को देना आसान होगा जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण ‘‘बहुत हल्का’’ होता है।
इंडिया टीवी से Exclusive बातचीत में AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वैक्सीन से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए साथ ही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को भी समझाया.
कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। इस महीने के आखिर या जनवरी के पहले हफ्ते में भारत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने वैक्सीन को लेकर ये बड़ा बयान दिया है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। इस महीने के आखिर या जनवरी के पहले हफ्ते में भारत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी।
रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली में कोरोना वायरस के हाल में बढ़ते मामलों को लेकर कहा कि दिल्ली में त्योहार, सर्दी और प्रदूषण के कारण मामले बढ़ रहे है।
एम्स निदेशक ने कहा कि कोविद -19 वैक्सीन को 2021 के पहले दो-तीन महीनों में मंजूरी मिल सकती है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसे बनाने में कुछ और समय लगेगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रंदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने लोगों को राहत देने वाली बात कही है।
देश में ऐक्टिव केसों में तेजी से कम होने के बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेताया है कि यह राहत ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू सर्दियों में तेजी से फैलता है। इसी तरह कोविड भी फैलेगा।
डॉक्टरों ने कहा है कि जो मरीज कोरोनोवायरस से उबर चुके हैं, उन्हें फेफड़ों में जख्म होने का खतरा है, जो थकान और सांस की तकलीफ का कारण बनता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक और भारत के प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों में से एक रणदीप गुलेरिया ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों अभी तक अपने चरम नहीं पहुंचे हैं। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है।
रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टीवी को बताया कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री की पूरी दुनिया में पहचान है लेकिन अभी तक हम जेनरिक दवाएं बनाते थे न कि रिसर्च पर ज्यादा फोकस था। लेकिन इस बार कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में रिसर्च हो रहा है और भारत की वैक्सीन काफी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी है
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