भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा रामजन्म भूमि पर जल्द से जल्द श्रीराम मंदिर बनाने के लिए कटिबद्ध है।
बता दें कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी जिसमें विवादित ज़मीन के अलावा अधिग्रहित की गई अतिरिक्त ज़मीन राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने की अपील की गई है।
1993 में केंद्र सरकार ने अयोध्या में करीब 67 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया था। माना जा रहा है कि अयोध्या केस के सुनवाई में हो रही देरी की वजह से केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया है।
अयोध्या मामले पर आज जैसे ही सुनवाई शुरू हुई वैसे ही मामले में तब बड़ा मोड़ आ गया जब 5 सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल जस्टिस यूयू ललित ने बेंच से खुद को अलग कर लिया।
इस बीच राम मंदिर के मुद्दे पर 25 नवंबर को अयोध्या में एक बड़ा संत सम्मेलन होने वाला है। इस सम्मेलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वीएचपी के नेता और कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच गए हैं।
भाजपा ने तो इस मुद्दे पर चुप्पी बनाये रखी लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पूर्व मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि वे उस स्थान पर जल्द एक मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं जहां माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मुसलमान समूह की याचिका पर अपना फैसला 20 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था।
यह पूरी तरह से साफ है कि एक मस्जिद के साथ किसी भी मंदिर के समान व्यवहार होना चाहिए...और रामजन्मभूमि मस्जिद के बराबर (इक्वल) है।
इस केस से जुड़े लगभग सभी वकीलों का मानना है कि सारी तकनीकी औपचारिकतायें पूरी हो चुकी है। यानी देश के सबसे बड़े मुकदमे में अब दलील शुरू करने का समय आ चुका है।
राज्यसभा में जब बीजेपी का बहुमत आ जाएगा तो वो बिल लाकर बना लेंगे और मुस्लिम पक्ष हाथ मलता रह जाएगा। लेकिन जो दिलों में दरार बन जाएगी वो बनी रहेगी। इसलिए समझौता होना चाहिए।
जो आज हमको पाकिस्तानी कहकर पुकारते हैं मैं उनसे पूछना चाहता हूं हरशद मेहता, केतन पारिख, नीरव मोदी क्या मुसलमान थे?
अयोध्या की कार्यशाला में 1990 से ही राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम चल रहा है। फिलहाल राजस्थान से लाये गए इन पत्थरों को गुजरात के कारीगर तराश रहे हैं। रामजन्मभूमि न्यास के मुताबिक राम मंदिर के गर्भगृह, सिंह द्वार और रंगमंडप के पत्त्थर तराशे जा च
राम जन्मभूमि विवाद LIVE: नई दिल्ली: लम्बे समय से कोर्ट में चल रहे करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़े राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई फिर टल गई है। इस मामले में अब चौदह मार्च को अगली सुनावई होगी।
सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मालिकाना विवाद मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई कल से शुरू कर सकता है।
अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में एक खंभे के पास से धुएं जैसी चीज निकलते देख रामलला की सुरक्षा में तैनात गार्ड्स के होश उड़ गए। किसी ने कहा धुआं है तो किसी ने कहा कि भाप है।
पच्चीस साल पहले आज ही के दिन ये विवादित ढांचा ढहा दिया गया। इन पच्चीस सालों में सरयू में न जाने कितना पानी बह गया और देश की एक पीढ़ी जवान हो गई लेकिन इस ढांचे कि गिराए जाने से जो धूल का गुबार उठा वो आज तक नीचे नहीं बैठ पाया। 6 दिसंबर 1992 की शाम से ल
राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर सुलह समझौता तभी होगा जब राष्ट्रीय सेवक संघ और राम जन्म भूमि न्यास चाहेगा। हालांकि अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अयोध्या दौरे पर उन्होंने कहा कि उनका
शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के पक्ष में है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है।
शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफीडेविट फाइल किया है जिसमें जन्मभूमि पर राम मंदिर बनाने की वकालत की है। शिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट से कहा है कि मस्जिद, मंदिर से दूर मुस्लिम इलाके में बननी चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड ने ये भी कहा था कि बाबरी मस्जिद
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