राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में मिली जमीन पर मस्जिद, अस्पताल और सामुदायिक रसोई समेत एक वृहद परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहे ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट’ ने धन के अभाव के चलते 4 समितियों को भंग कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने नौ नवंबर को एकमत से अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिये पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करे।
के पाराशरण का जन्म साल 1927 में तमिलनाडु के श्रीरंगम में हुआ। वकालत विरासत में मिली थी, उनके पिता वकील थे, साल 1958 में उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की।
अयोध्या प्रकरण पर शनिवार को आने वाले फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने नौ नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी स्कूल कालेज और शैक्षणिक संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय अपना बहुप्रतीक्षित फैसला शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे सुनायेगा।
संविधान पीठ द्वारा किसी भी दिन फैसला सुनाये जाने की संभावना को देखते हुये केन्द्र ने देश भर में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिये थे। अयोध्या में भी सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद किये गये हैं ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हो सके।
रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से पहले राम की नगरी अयोध्या छावनी में बदल गयी है। जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गयी है।
प्रधान न्यायासधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ शनिवार की साढ़े दस बजे यह फैसला सुनायेगी।
ईमाम खालिद रशीद ने जुम्मे की नमाज के दौरान मुस्लिम समुदाय से किसी भी तरह के फैसले पर अमन बनाए रखने की अपील की।
मोल्डिंग ऑफ रिलीफ का मतलब है कि अगर मालिकाना हक किसी एक या दो पक्ष को मिल जाए तो बचे हुए पक्ष को क्या वैकल्पिक राहत मिल सकती है। मुस्लिम पक्षकारों ने दस्तावेजों को संयुक्त रूप से सीलबंद लिफाफे में पेश किया है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज अयोध्या मामले में आखिरी सुनवाई करेगी। आज संविधान पीठ ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के लिए करीब 45-45 मिनट का वक्त रिजर्व रखा है, वहीं मुस्लिम पक्ष को जवाब के लिए एक घंटा मिलेगा।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के संभावित फैसले को लेकर अयोध्या के जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 लगा दी है।
मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर ध्वस्त किये जाने के बारे में कोई निश्चित साक्ष्य या तथ्य नहीं है।
अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत के सामने अपनी दलीलें रखी।
वरिष्ठ भाजपा नेता संबित पात्रा ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जल्द ही हकीकत होगा क्योंकि यह भगवा पार्टी के मुख्य एजेंडे में से एक है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के रद्द होने की तरह ही राम मंदिर का निर्माण भी जल्द ही एक हकीकत होगा।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि हिन्दुओं ने 1934 में बाबरी मस्जिद पर हमला किया, फिर 1949 में अवैध घुसपैठ की और 1992 में इसे तोड़ दिया तथा अब कह रहे हैं कि संबंधित जमीन पर उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए।
राम लला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिये इसके आगे नहीं जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रो. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मथुरा में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इसी वर्ष शुरू हो जाएगा और उसके बाद मथुरा व काशी में भगवान कृष्ण व शिव के मंदिरों के निर्माण का नंबर आएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए इसे मध्यस्थता के लिए सौंपने का फैसला किया है।
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