करीब 70 साल तक वकालत करने वाले राम जेठमलानी ने फौजदारी मुकदमों से लेकर आर्थिक और कारोबारी विवाद और संवैधानिक मामलों में अदालतों में दलीलें रखीं। एक वकील के तौर पर जेठमलानी 1959 में सुर्खिंयों में आए।
प्रख्यात विधिवेत्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह बेहद कठिन और जटिल आपराधिक मुकदमों के वकील रहे और इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी हत्या मामले में आरोपियों का बचाव भी किया था।
वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को निधन हो गया।
आइए, जानते हैं जेठमलानी के उन मुकदमों के बारे में, जिन्होंने उन्हें देश के सबसे मशहूर वकीलों में से एक बना दिया।
दिग्गज वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का निधन हो गया। रविवार की सुबह उनके निधन की खबर आई। वह 95 साल के थे।
दिग्गज वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का निधन हो गया। रविवार की सुबह उनके निधन की खबर आई। वह 95 साल के थे।
कानूनी लड़ाई लड़ने से सेवानिवृत्ति ले चुके जेठमालनी ने पीठ को बताया कि कर्नाटक के राज्यपाल का आदेश "संवैधानिक शक्ति का पूरी तरह से दुरुपयोग है।" सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार मध्य रात्रि को हुई सुनवाई में येदियुरप्पा के राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
राम जेठमलानी ने कहा है कि देश को "ईमानदार नेताओं वाले तीसरे मोर्चे" की जरूरत है।
आने वाले वक्त में भी कई हस्तियों की बायोपिक देखने को मिलने वाली हैं। फिलहाल दिग्गज वकील और राजनेता राम जेठमलानी की बायोपिक चर्चा में आ गई है। इस पर अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि राजनेता राम जेठमलानी के जीवन को...
नाराज जेठमलानी ने 20 जुलाई को न सिर्फ अरविंद केजरीवाल को खत लिखा बल्कि उसकी एक कॉपी वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी भेज दी। अपने खत में जेठमलानी ने केजरीवाल से कहा है, ''जब अरुण जेटली ने आपराधिक मानहानि का पहला केस दर्ज किया था तो आपने मेरी सेवा ली।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व वकील राम जेठमालानी के जिरह के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ की गई टिप्पणी को 'अशिष्ट, अप्रिय व अपमानजनक' करार दिया। न्यायमूर्ति मनमोहन ने केजरीवाल के वकील को यह सुनिश्चित करने
दरअसल, केजरीवाल की ओर से राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ कोर्ट में अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के कथित निर्देश देने से इंकार करने के बाद वरिष्ठ वकील ने यह कदम उठाया है।
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