भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से 4 अगस्त को अयोध्या पहुंचने का न्योता दिया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हुआ है और लंबे समय तक चले आए इस मुकद्दमे का अंत हुआ है।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की अहम बैठक शनिवार को अयोध्या में हुई। बैठक में भूमि पूजन की तारीख पर मंथन हुआ।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट फर्जी वेबसाइट से धन उगाही के बाद से सचेत हो गया है। वह कोरोनावायरस का संक्रमण खत्म होते ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट का डिटेल जारी करेगा।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक 19 फरवरी को होगी। यह बैठक ट्रस्ट के दिल्ली ऑफिस और के. परासरण के निवास स्थान पर होगी। बैठक शाम 5.00 बजे बुलाई गई है।
राम जन्मभूमि न्यास के उपाध्यक्ष राम विलास वेदांती ने कहा है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के घोषित नामों में उनका नाम नहीं होने का उन्हें कोई दुख नहीं है बल्कि ट्रस्ट घोषित होने की खुशी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर जमकर हमला बोला।
अयोध्या में भगवान राम की एक विशालकाय प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा की ऊंचाई 251 मीटर होगी।
अयोध्या और मिथिलांचल का एक अटूट रिश्ता सदियों से रहा है, क्योंकि मिथिलांचल को भगवान राम का ससुराल माना जाता है। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों स्थानों का कनेक्शन नौ नवंबर को अयोध्या विवाद पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दौरान भी बना रहा।
राम जन्मभूमि न्यास ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी करने वाले ट्रस्ट की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाये गये जनम साखी में गुरु नानक देवजी की अयोध्या की यात्रा का वर्णन है, जहां उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान का दर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि राम मंदिर के एक ट्रस्ट बनाया जाएगा।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा।
यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला नवंबर में आ जाता है तो यह ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह एक ऐसा मामला है जिसमें मध्यस्थता के कई प्रयास विफल रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए नियुक्त मध्यस्थता समिति की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए एक हिंदू और एक मुस्लिम पक्षकार ने एक नया आवेदन दिया है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर हिन्दुओं के दावे का विरोध कर रहे मुस्लिम पक्षों से उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कुछ विचारणीय प्रश्न पूछे और उससे यह जानना चाहा कि जन्मस्थान का संपत्ति के स्वामित्व को लेकर किसी ‘‘विधिक व्यक्ति’’ के तौर पर अधिकार क्यों नहीं हो सकता?
अयोध्या मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पूरी हो गई है। आज लगातार सुनवाई का नवां दिन था, हालांकि सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी थी।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान की ओर से दलील दी गयी कि विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं।
राम लला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिये इसके आगे नहीं जाना चाहिए।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला किया है। अब इस मामले की सुनवी हफ्ते में पांचों दिन की जाएगी।
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