अयोध्या जमीन विवाद का फैसला आने वाला है इससे पहले बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज से हिन्दू-मुस्लिम विवाद का अंत हो जाएगा।
वैसे तो अदालत किसी भी दिन बैठ सकती है, मामले को सुन सकती है और फैसला दे सकती है लेकिन फिर भी 17 नवंबर को रविवार है और सामान्यत: इतने बड़े मामलों में फैसला अवकाश के दिन नहीं आया करता।
सदियों पुराने अयोध्या विवाद की सुनवाई पूरी हो गई है और अब कुछ घंटों के बाद सुप्रीम कोर्ट ये फैसला सुना देगा कि विवादित जमीन का क्या होगा। 40 दिन की बहस के बाद सुनवाई पूरी हुई और अब पूरा देश फैसले पर नज़रें गड़ाए हुए है।
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ आज सुबह 10:30 बजे अयोध्या मुकदमे में फ़ैसला सुनाएगी। देश के सबसे बड़े मुकदमे का फैसला बड़ा है इसलिए पूरे देश में पहरा भी बहुत कड़ा है। इस ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं।
बता दें कि 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं। लिहाजा उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक इस विवाद पर फैसला आ सकता है।
अयोध्या फैसले से पहले मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बनाने के लिए आरएसएस और भाजपा के प्रयासों के तहत मुस्लिम समुदाय के मौलवियों, शिक्षाविदों और प्रमुख हस्तियों के साथ यहां मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान राम के जन्म स्थल को दर्शाने वाले नक्शे का हवाला दिये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की थी।
चर्चा ये भी है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से अदालत में टाइटल सूट वापस लेने की भी अर्जी दी जा सकती है। हालांकि इस पर अबतक कुछ भी साफ नहीं हुआ है। कल की सुनवाई के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने साफ कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
पीठ ने कहा कि धवन ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि उन्होंने रिपोर्ट पर सवाल करने का अपना अधिकार छोड़ा नहीं है लेकिन न्यायालय द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद सबूतों पर संदेह नहीं किया जा सकता।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सोमवार से रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई करने का निर्णय किया है। एक घंटे का समय इसलिए बढ़ाया गया है ताकि अयोध्या मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जा सके।
एक हिंदू संस्था ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष दावा किया कि मुगल बादशाह बाबर न तो अयोध्या गया था और और न ही विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर 1528 में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला किया है। अब इस मामले की सुनवी हफ्ते में पांचों दिन की जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई का फैसला लिया था। इसके मुताबिक हफ्ते के मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुनवाई के लिए तय किया गया था।
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई शुरू की। इस मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के प्रयास विफल रहने के बाद अब इसमें रोजाना सुनवाई होगी।
अयोध्या विवाद में रोजाना सुनवाई होगी या फिर बातचीत का रास्ता खुला रहेगा, सुप्रीम कोर्ट इसका फैसला 2 अगस्त को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमिटी से 31 जुलाई तक फाइनल रिपोर्ट जमा करने को कहा है। इसके बाद वह रोजाना सुनवाई पर फैसला करेगा।
मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमेटी को मध्यस्थता के लिए जस्टिस खलीफुल्ला कमेटी को अतिरिक्त 15 अगस्त तक का समय दिया है
एक फतवा इस फिल्म की मुस्लिम अभिनेत्री नाज़नीन पाटनी के खिलाफ जारी कर उसे सलाह दी है कि वह अपने ईमान को तजदीद करे, जबकि दूसरे फतवे में देश के मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वह इस फिल्म को देखने से गुरेज़ करें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए इसे मध्यस्थता के लिए सौंपने का फैसला किया है।
29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे लेकिन आज होने वाली सुनवाई में एक और पेंच सामने आ सकता है।
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