नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘मैं किसानों से अनुरोध करूंगा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट न दें। संयुक्त किसान मोर्चा राज्य के विधानसभा चुनावों में भाजपा का विरोध करेगा।’’
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 'हमने कहां रास्ता रोक रखा है, पुलिस ने रास्ता रखा है, हम पूरा रास्ता खोलेंगे, दिल्ली जाएंगे, हमने तो दिल्ली जाना है।'
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से BKU नेता राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की। उन्होंने इंडिया टीवी एंकर मिनाक्षी जोशी से बात करते हुए, किसानों के आंदोलन, लखीमपुर मामले में आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी, आदि मुद्दों पर चर्चा की। सुनिए पूरी ख़ास बातचीत।
राकेश टिकैत ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर मर्डर के पीछे बड़ी साजिश है। गिरफ्तारी हुई अब कानून अपना काम करेगा। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के सामने हत्या की गई।
किसान नेता ने कहा, "भाई कोई सुसाइड कर ले, कोई घटना हो जाए, सड़क पर कुछ चल रहे हैं आदमी एक्सिडेंट हो जाए तो इसमें कोई कर क्या सकता है। ये कोई सबका प्लान थोड़ी होता है, किसी एक आदमी का प्लान होता है। अब यहां किसी ने आंदोलन में सुसाइड कर लिया ये तो उसका व्यक्तिगत निर्णय है।"
टिकैत ने कहा कि पूरी दुनिया यह समझती है कि गृह राज्य मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ब (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
लखीमपुर खीरी हिंसक घटना पर बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा... जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते।'
टिकैत ने 4 अक्टूबर को राज्य सरकार के साथ एक समझौता किया था जिसके बाद किसानों ने अपना विरोध समाप्त कर दिया था और मृत किसानों का पोस्टमॉर्टम किया गया था।
टिकैत ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह के घर मंगलवार शाम पहुंचकर देर रात पत्रकारों से कहा कि मंत्री के पुत्र को कई लोगों ने घटनास्थल पर देखा है और लोगों के पास कई वीडियो हैं जो खीरी में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही सामने आएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से चार कार में सवार व्यक्ति हैं, जो प्रत्यक्ष तौर पर उप्र के मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे। ऐसे आरोप हैं कि इनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं चार अन्य किसान हैं।
NH-24 के जरिए दिल्ली-गाजियाबाद को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर का दिल्ली से गाजियाबाद आने वाला मार्ग दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है जबकि गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाला NH-24 का हिस्सा किसानों के प्रदर्शन की वजह से पहले से ही बंद है।
राकेश टिकैत ने कहा कि ये मांगे पूरी होने के बाद ही मृत किसानों का दाह संस्कार किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गोली भी मारी है।
किसान नेता Rakesh Tikait ने India TV से ख़ास बातचीत की। अपने बयान में उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और साथ ही यह भी कहा कि पुलिस बैरि॑केड् हटाकर उन्हें दिल्ली जाने का रास्ता दे।
टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं।
10 महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कई ऐसे प्रयास हुए हैं जो सीधे सरकार के साथ टकराव को बढ़ावा देते नजर आए हैं, पहले किसान संगठनों ने विरोध के नाम पर दिल्ली के बॉर्डर सील कर दिए जिससे दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं।
लोगों को हो रही परेशानी पर राकेश टिकैत ने कहा कि बंद या लॉकडाउन होता है तो लोग परेशान तो होते ही हैं, पहले जब लॉकडाउन हुआ तो लोग हजारों किलोमीटर पैदल गए। सबको पता था आज भारत बंद है, सबको लंच के बाद घर से निकलने को कहा था।
भारत बंद की वजह से कई लोग जाम में अटके और समय पर दफ्तर नहीं पहुंच पाए इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि जब लॉकडाउन होता है तो लोग तंग तो होते ही हैं। पहले जब लॉकडाउन हुआ तो 1000 किलोमीटर तक लोग पैदल गए।
लोगों को हो रही परेशानी पर राकेश टिकैत ने कहा कि बंद या लॉकडाउन होता है तो लोग परेशान तो होते ही हैं, पहले जब लॉकडाउन हुआ तो लोग हजारों किलोमीटर पैदल गए। सबको पता था आज भारत बंद है, सबको लंच के बाद घर से निकलने को कहा था।
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