हालांकि, किसान नेताओं का कहना है कि 15 जनवरी को वो फिर से केंद्र द्वारा दिए गए आश्वासन की समीक्षा करेंगे। यदि केंद्र वादे पर खड़ा नहीं उतरती है तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
किसानों की मांग थी कि आंदोलन के दौरान देशभर में दर्ज हुए मुकदमे को वापस लिया जाए। एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी जाए। केंद्र की सहमति के बाद 15 जनवरी को किसानों की फिर समीक्षा बैठक होगी।
SKM ने कहा, "सरकार के ताजा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है। अब सरकार के लेटरहेड पर औपचारिक संवाद का इंतजार है। गुरुवार दोपहर 12 बजे फिर से सिंघू बॉर्डर पर बैठक होगी।"
सरकार से बातचीत के लिए नियुक्त 5 किसान नेताओं की बुधवार को बैठक होगी।इसी में आंदोलन को खत्म करने या आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से बात करते हुए बताया की सरकार और किसानों के बीच चल रही बातचीत का कोई नतीजा आखिर क्यों नहीं निकल पाया ?
PM Modi के ऐलान के बाद सदन से कृषि कानून को वापस लिया जा चुका है लेकिन, किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो वाइरल हो रहा है जिसमें किसान आंदोलन के जरिए हिन्दुत्व पर निशाना साधते हुए कुछ लोग दिख रहे है। किसान आंदोलन में हिंदुत्व के एंगल वाला ये viral video कहाँ से आया इसका सच क्या है देखिए Haqikat Kya Hai में ?
राकेश टिकैत ने शनिवार को अपने एक ट्वीट में लिखा- हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है।'
किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जो अब सरकार से MSP समेत हर इश्यू पर बात करेगी। मतलब अब बातचीत से ही समाधान की तरफ बढ़ा जा रहा है। आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बहुत बड़ी बैठक हुई। इसी में कमेटी के पांच नाम तय हुए। आज इसी मुद्दे पर देखिए सबसे बड़ी बहस कुरूक्षेत्र।
सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी।
अलग-अलग किसान नेता अलग-अलग बात कर रहे हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बन जाता है तब तक किसान धरना स्थल से नहीं हटेंगे।
कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म करने पर फैसला हो सकता है क्योंकि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन जारी रखने के मूड में नहीं हैं।
केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे। हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।
तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद भी किसान आंदोलन जारी, क्या है अगली तैयारी? क्या टिकैत अपने आंदोलन पर इसी तरह टिके रहेंगे? इसी विषय पर देखिए इंडिया टीवी की पेशकश 'Oh My God' का यह ख़ास अंक।
एक वर्ष से लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन अब शायद खत्म हो जाए और बॉर्डर पर डटे किसान अपने अपने घर वापस चले जाए। सरकार और किसान के बीच चल रही बातचीत से तो यही लग रहा है। इस सब पर इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से बातचीत की।
राकेश टिकैत आंदोलन खत्म करने की डिमांड को सिर्फ अफवाह बता रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन खत्म करने के डिमांड की बात सिर्फ अफवाह है, MSP पर बातचीत करे बिना यहां से कोई किसान नहीं जाएगा और न ही आंदोलन खत्म होगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि MSP गारंटी कानून पर सरकार आनाकानी कर रही है अगर सरकार ने उनकी सभी मांग नहीं मानी तो फिर से ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
आज कृषि कानून वापसी बिल को संसद में पेश किया जा रहा है। इसे लेकर BKU नेता राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की और कृषि कानूनों को किसानों के लिए बीमारी के समान बताया और कहा कि उनकी वापसी जरूरी थी।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार धोखा कर रही है, सचेत रहने की जरूरत है। अभी सरकार बात करने की लाइन में नहीं आई है। ये सरकार षड्यंत्रकारी, बेईमान और धोखेबाज है। किसान समाज और मजदूरों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है।
किसान मजदूर महापंचायत के संबोधन के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार धोखा कर रही है, सचेत रहने की जरूरत है। अभी सरकार बात करने की लाइन में नहीं आई है। ये सरकार षड्यंत्रकारी, बेईमान और धोखेबाज है। किसान समाज और मजदूरों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है:
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