किसान आंदोलन के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का अगला कदम देश के सभी राज्यों में पंचायतें कर वहां के लोगों का समर्थन जुटाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी है।
सुबह की पहली किरण के साथ ज्यादातर किसान अपने घर को लौट गए हैं। कुछ टेंट खाली हो गए हैं, कुछ टेंट खाली हो रहे हैं, कुर्सियां लगी हैं, हुक्का भी रखा है लेकिन टेंट में अब इक्का-दुक्का लोग ही बचे हैं। ज्यादातर लोग घर लौट रहे हैं। पहले जिस जगह पर पांव रखने की जगह नहीं होती थी, वहां आज की तस्वीर बनी सूनी-सूनी दिखी।
राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे।
राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे।
किसानों ने अब अपनी अगली रणनीति के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है।
राकेश टिकैत ने मीडिया कर्मियों के सवाल पर कहा, "यहां शराब की क्या जरूरत है? मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी क्यों की। ऐसे लोगों का इस आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। ये गलत और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।" टिकैत ने आगे कहा कि वो अपने (कांग्रेस) आंदोलन में जो भी चाहें बांट सकते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया इन चार्ज धर्मेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि राकेश टिकैत ने न सिर्फ बच्चों को अक्षर (alphabets) और अंकों (numbers) के बारे में पढ़ाया बल्कि पिछले एक-डेढ़ महीने में उनके द्वारा इस स्कूल में जो सीखा उसके बारे में भी पूछा।
नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को और धार देने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और आगे की रणनीति तय की। साथ ही शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष तारा गांधी भट्टाचार्य गाजीपुर बॉर्डर पहुंचीं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में किसान नेताओं की बैठक करने के कार्यक्रम का खुलासा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाती है तब तक दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान घर नहीं लौटेंगे।
राकेश टिकैत एक ऐसा चेहरा हैं जिन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से एक नयी पहचान मिली है। टिकैत अब इस आंदोलन को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से निकाल कर देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर को बीते 28 नवंबर से प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना रखा है | 28 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी भीड़ की तुलना अगर आज से करें तो अब प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कमी आ चुकी है |
प्रधानमंत्री की अपील पर राकेश टिकैत का बयान...बातचीत करना चाहते हैं तो हमारी कमेटी बात करेगी..कानूनों को वापस लेते ही समस्या का समाधान..MSP पर कानून बनाए सरकार- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को हरियाणा के भिवानी जिले के कितलाना में आयोजित कृषक रैली को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून वापस नहीं होने पर अनाज तिजोरियों में रखने वाला सामान बन जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के मद्देनजर प्रशासन के साथ मिलकर मदद करने की बात कही है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की कि गाजीपुर सीमा पर किसानों का विरोध 'अक्टूबर या नवंबर तक' जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर मालिकों से अपने वाहनों को 'ट्रैक्टर क्रांति' से जोड़ने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा, ''अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिए। आप जहां भी जाएंगे, आपका सम्मान किया जाएगा।''
महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी पुलिस ने कुछ देर के लिए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
केंद्र सरकार (Modi Government) द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में किसान संगठन 73 दिनों से दिल्ली की सीमा पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 11.59 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
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