हरियाणा के एक 55 वर्षीय किसान ने रविवार को टिकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर आत्महत्या कर ली है। पुलिस के मुताबिक, हिसार जिले के राजबीर के रूप में पहचाने गए पीड़ित ने पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें पर चुनाव होने हैं। पहला मतदान 27 मार्च को होगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत इन सभी महापंचायतों में शामिल होंगे। आज रविवार 28 फरवरी को यूपी के सहारनपुर में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे, वहीं 1 मार्च को उधमसिंह नगर के रुद्रपुर की महापंचायत में शिरकत करेंगे। 2 मार्च को राजस्थान के झुंझनू में, 3 मार्च को राजस्थान के ही नागौर में महापंचायत होगी। इसके बाद 5 मार्च को यूपी के इटावा स्थित सैफई तो 6 मार्च को तेलंगाना में आयोजित कार्यक्रम में राकेश टिकैत शामिल होंगे।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यदि किसानों को जमीन बचानी है तो उन्हें देश के लुटेरों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अगर वे इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन के साथ ही साथ अपने बयानों के चलते भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। अब उन्होंने संसद में फसल लगाने और रेट तय करने की बात कही है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।
किसान अंदोलन को एकबार फिर धार देने के लिए और सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान नेता पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान में चुनावी महापंचायतें कर रहे हैं। ऐसी ही एक पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना उनको लेकर विवादित बयान दे दिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक बयान पर सोमवार को हरियाणा के सोनीपत जिले में पलटवार करते हुए कहा कि जब लोग जमा होते हैं तो सरकारें बदल जाती हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि वह केंद्र के विवादित कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के लिए समर्थन मांगने के वास्ते जल्द गुजरात का दौरा करेंगे।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक किसान ने खेत में गेहूं की खड़ी फसल को जोत दिया। 27 साल के सोहित अहलावत नामक किसान ने 6 बीघे में तैयार गेहूं को खुद ही ट्रैक्टर से नष्ट कर डाला।
अखिल भारतीय किसान सभा के एक प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में 22 फरवरी से 26 फरवरी तक लगातार कई किसान महापंचायतें की जाएंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी पहली महापंचायत हनुमानगढ़ जिले के नोहर में 22 फरवरी को होगी।
बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान अगर आपके गांवों में किसी को गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका ‘घेराव’ करें और उन्हें तब तक नहीं जाने दें जब तक कि जिला प्रशासन आश्वासन नहीं देता कि उन्हें गांवों में आने के लिए फिर अनुमति नहीं दी जाएगी।
राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि सरकार उनपर अगर दबाव बनाती है तो किसान खेतों में खड़ी अपनी फसलों को आग लगा देंगे। गुरुवार को हरियाणा के खरक पुनिया में एक किसानों की सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने यह बयान दिया है।
पहले ट्रैक्टर परेड फिर चक्का जाम और आज रेल रोको आंदोलन। कृषि कानून के ख़िलाफ़ किसान एक बार फिर फुल एक्शन में हैं और इस बार उनके प्रदर्शन का अड्डा है रेलवे ट्रैक।
किसान आंदोलन के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का अगला कदम देश के सभी राज्यों में पंचायतें कर वहां के लोगों का समर्थन जुटाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी है।
सुबह की पहली किरण के साथ ज्यादातर किसान अपने घर को लौट गए हैं। कुछ टेंट खाली हो गए हैं, कुछ टेंट खाली हो रहे हैं, कुर्सियां लगी हैं, हुक्का भी रखा है लेकिन टेंट में अब इक्का-दुक्का लोग ही बचे हैं। ज्यादातर लोग घर लौट रहे हैं। पहले जिस जगह पर पांव रखने की जगह नहीं होती थी, वहां आज की तस्वीर बनी सूनी-सूनी दिखी।
राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे।
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