राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बृहस्पतिवार को दिए गए भाषण के एक शब्द को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है।
सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि चीन में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित वुहान क्षेत्र में अभी तक 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं।
राज्यसभा में भाजपा के एक सदस्य ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने की आड़ में कथित तौर पर देश को तोड़ने की बात करने वालों और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से अराजकता पैदा करने के प्रयास करने वालों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई।
पीएम मोदी ने कहा कि आप जहां ठहरे हुए हैं, वहां से लगता है आप पीछे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगाता है कि ‘‘ठहराव को ही आपने (विपक्ष ने) अपनी विशेषता बना लिया है।’’
राज्यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई बातें नई-नई उभरकर सामने आई हैं। सदन गर्व कर सकता है कि पिछला हमारा सत्र बहुत प्रोडक्टिव रहा। सभी सदस्यों के सहयोग के चलते यह संभव हुआ। सभी सदस्य अभिनंदन के पात्र हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार से जम्मू एवं कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संसद के चालू सत्र में एक विधेयक लाने का आग्रह किया है।
साल 2016 से 2018 तक हर साल देश में सड़क हादसों में औसतन डेढ़ लाख लोगों की जान गई है। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा को सोमवार को यह जानकारी दी।
राज्यसभा में इस साल कुल 69 सीटें रिक्त होंगी और चार सीटें पहले से ही रिक्त होने के कारण उच्च सदन में कुल 73 सीटों के लिए चुनाव होगा। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में 18 भाजपा के और 17 कांग्रेस के हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हुई वोटिंग के आंकड़ों पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार को वोटिंग के दौरान सवा सौ वोट मिले जो शुभ माना जाता है और बिल का विरोध करने वाले लोग 99 के फेर में फंसे।
नागरिकता संशोधन बिल की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग यानी IUML ने बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में वोटिंग नहीं की। वोटिंग से पहले उनके सांसद राज्यसभा से बाहर निकल गए। 24 घंटे में शिवसेना के तेवर बदल गए। लोकसभा में सरकार का साथ दिया लेकिन तभी एक ताकत ने उद्धुव ठाकरे को फैसला बदलने के लिए मजबूर कर दिया।
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भले ही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हो लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जो इस बिल के पास होने के बाद से जश्न में डूबे हैं।
नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से पास तो हो गया लेकिन इस बिल के विरोध में पूरे नॉर्थ-ईस्ट में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल असम का है जहां कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।
कांग्रेस के पुरजोर विरोध के बावजूद भी नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास हो गया। इसीलिए, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज के दिन को संविधान के लिए काला दिवस करार दे दिया।
नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता बिल कभी न लाना पड़ता, ये कभी संसद में न आता, अगर भारत का बंटवारा न हुआ होता। बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं।
राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी वाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है।
राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया।
संजय राउत ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जिस स्कूल में पढ़ते हो उस स्कूल के हम हेडमास्टर रह चुके हैं
जेपी नड्डा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक की जब बात होती है उसका आधार एक ही है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर जिस अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेदभाव हुआ है और वे भारत में रह रहे हैं, उनको भारत की नागरिकता देना इस बिल का मकसद है।
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