भोजपुरी स्टार और बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को बताया कि उन्हें आर्मी एनसीसी कैंप से बाहर क्यों कर दिया गया था।
भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को कौन नहीं जानता। वह भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं और अब राजनीति का भी जाना-माना नाम हैं। हाल ही में उन्होंने 'आप की अदालत' में शिरकत की और इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब दिए।
भोजपुरी के स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ आज इंडिया टीवी के खास शो आप की अदालत में सवालों के जवाब दे रहे हैं। उन्होंने अपनी को स्टार आम्रपाली दुबे के बारे में बात की। जानें क्या कहा?
निरहुआ ने बताया कि उनके सुपरस्टार बनने में मुख्तार अंसारी के शूटर का और करिश्मा कपूर का बड़ा योगदान है। मुख्तार के शूटर ने अगर उनके साथ बदतमीजी नहीं की होती तो वह मुंबई नहीं जाते।
भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव 'आप की अदालत' के कटघरे में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए नजर आए। जहां निरहुआ ने आम्रपाली दुबे संग अपने रिश्ते को लेकर धमाकेदार खुलासा किया है।
भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ने 'आप की अदालत' में भोजपुरी इंडस्ट्री और बॉलीवुड को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कटघरे में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के खुलकर जवाब दिए।
दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दिनेश लाल यादव कैसे निरहुआ बने।
दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 'आप की अदालत' शो में खुलकर बात की। इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले वह मुलायम और अखिलेश यादव के मुरीद हुआ करते थे।
भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 'आप की अदालत' में कटघरे में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब दिए और इसी दौरान उन्होंने अपनी फेवरेट बॉलीवुड अभिनेत्री का नाम भी बताया।
भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव जिन्हें 'निरहुआ' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सामने पवन सिंह से लेकर रवि किशन तक को रेटिंग दी।
पूरी दुनिया में इस बात को लेकर चिंता है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से, डिजिटल मीडिया से बच्चों का कितना नुकसान होता है और ये चिंता जायज़ है लेकिन हमें ये याद रखना चाहिए कि नुकसान तो बड़ों का भी होता है।
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हर रोज हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश में हिन्दू खौफ के माहौल में जी रहे हैं। अब तो वहां की फौज भी हिन्दुओं को निशाना बना रही है। हिन्दुओं की गलती सिर्फ ये थी कि उन्होंने देवी देवताओं के अपमान का, मंदिरों पर हमलों का विरोध किया था।
पिछले चार साल में डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम राजनीतिक और अदालती चुनौतियों का सामना किया। आखिर में सभी चुनौतियों को मात देकर उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। ट्रंप की सत्ता में वापसी को अमेरिका के राजनीतिक इतिहास की सबसे ज़बरदस्त वापसी में रूप में देखा जा रहा है।
मदरसे चलाने वालों को इस मौके का इस्तेमाल आधुनिक शिक्षा की शुरुआत के लिए करना चाहिए ताकि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आगे चलकर अच्छे कालेजों में प्रवेश पा सकें, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील और आईटी प्रोफेशनल्स बन सकें।
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर में घुसकर हिन्दुओं पर हमला किया। इस हमले में कई लोग घायल हो गए। इस मामले में जो सबसे हैरानी की बात थी वो ये कि कनाडा पुलिस ने उल्टा काम किया और एक्शन हिंदुओं पर लिया।
राजनीति में सक्रिय महिला नेताओं के बारे में भद्दी टिप्पणी करना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है। झारखंड में सीता सोरेन को 'रिजेक्टेड माल' और महाराष्ट्र में शायना NC को 'इंपोर्टेड माल' कहा गया।
मोदी सरकार ने देश में 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम से जोड़ा है। इससे उन्हें 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
बारामती के नतीजा अजीत पवार के राजनीतिक करियर के लिए गेमचेंजर साबित होगा जबकि शरद पवार के लिए बारामती प्रतिष्ठा का सवाल है। बारामती के फैसले से ही तय होगा कि असली NCP किसकी है।
दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से डीपफेक टेक्नोलॉजी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए किये गए उपायों पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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