रतन टाटा को लेकर आज लोग इतने भावुक क्यों हैं? रतन टाटा उद्योगपति थे, बिजनेस चलाते थे, पैसा कमाते थे, तो फिर उनको लेकर आज घर-घर में लोग दुखी क्यों हैं? इसे समझने की ज़रूरत है।
7 साल में यूपी में 207 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। इन अपराधियों में 67 मुस्लिम, 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट और गुर्जर, 16 यादव, 14 दलित, तीन ट्राइबल, दो सिख, 8 ओबीसी और 42 दूसरी जातियों के थे।
राष्ट्रपति ने किसी एक घटना के बारे में, किसी एक राज्य के बारे में कमेंट नहीं किया। उन्होंने तो पूरे देश में महिलाओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई।
ममता आज छात्रों का प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही नबान्न भवन पहुंच गईं थीं और पुलिस को सख्त निर्देश था कि मुख्यमंत्री के कार्यालय तक एक भी प्रदर्शनकारी न पहुंच पाए।
सुप्रीम कोर्ट ने आज विस्तार से सभी पक्षों की बातें सुनी, और राज्य सरकार को जम कर फटकार लगाई। कोर्ट को विस्तार से बताया गया कि कैसे क्राइम सीन पर सारे सबूतों को इरादतन मिटाया गया ताकि दरिंदों को बचाया जा सके।
कल रात की घटना के बारे में कमिश्नर साहब कह रहे हैं कि डॉक्टरों को बचाने में पुलिस फोर्स ने जान लगा दी लेकिन जिन डॉक्टरों ने कल रात भीड़ के तांडव को देखा, उन्होंने कहा कि पुलिस तो कहीं थी ही नहीं।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि एक से ज्यादा लोग इस अपराध में शामिल थे। इस केस में ये भी लगा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश हुई।
डॉक्टर्स को अंदाजा था कि इससे विनेश का वजन डेढ़ किलो तक बढ़ेगा लेकिन विनेश का वजन दो किलो सात सौ ग्राम तक बढ़ गया। इसी से सारी दिक्कत हो गई।
शेख हसीना ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ एक्शन लिया लेकिन जमात ने छात्र नेताओं को सामने कर दिया। इन सारे छात्र नेताओं के तार कट्टर इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हैं। इन संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पैसे देती है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में कह दिया कि हिंदू हिंसा फैलाते हैं, नफरत फैलाते हैं, असत्य फैलाते हैं। उनके इस बयान पर संसद में काफी हंगामा हुआ। अब उनके इस बयान की चहुंओर निंदा हो रही है।
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिस जगह हादसा हुआ, उसका उद्घाटन किसकी सरकार के वक्त हुआ था लेकिन हादसे की बजाय इसी बात को मुद्दा बनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने विस्तार में बताया कि दस साल में सरकार ने कौन-कौन से बड़े काम किए हैं, किस तरह से जनहित की योजनाओं को लागू किया है, नौजवानों, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाले फ़ैसले लिए हैं।
एलन मस्क ने ईवीएम को लेकर ट्वीट किया और उसे लेकर भारत में एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मच गई। एलन मस्क के ट्वीट को आधार बनाकर एक बार फिर पूरा विपक्ष उसपर सवाल उठाने लगा। मस्क ने अमेरिका के संदर्भ में ट्वीट किया और बवाल भारत में मच गया।
उत्तर प्रदेश मे बीजेपी की सीटें कम क्यों हुईं, इसका विश्लेषण चुनाव विशेषज्ञ कई बार कर चुके हैं। ज्यादातर लोग मानते हैं कि बीजेपी ने टिकट बांटते समय जातिगत समीकरणों का ध्यान नहीं रखा।
जो लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि मोदी को गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, ये वैसी ही बात है, जब उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर कहा गया था कि उन्हें विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है।
ED को मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी के नौकर जहांगीर के घर पर नोटों का पहाड़ मिला। इतने नोट थे कि उन्हें गिनने के लिए ED को बैंकों कैश गिनने की मशीनें मंगानी पड़ी। दोपहर तक नोट गिनते गिनते मशीनें गर्म होने लगी। दो मशीनें खराब हो गईं। इसके बाद, बैंक से नोट गिनने की और बड़ी मशीन मंगानी पड़ीं।
सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस के गले की फांस बन गया जिसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी से लेकर जयराम रमेश तक, सबने इस मुद्दे पर सफाई देने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज एक के बाद एक जिस तरह से कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं, उसके बाद चुनाव कैम्पेन का रूख का पलट गया है। चुनाव प्रचार में बाजी कैसे पलटनी है, ये कोई मोदी से सीखे।
ED ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया था और कोर्ट को बताया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर अपनी सेहत खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोणार्क के सूर्य मंदिर सहित देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां सूर्य की किरणें सीधे भगवान की मूर्ति पर पड़ती हैं। नोट करने की बात ये है कि जिस तरह अयोध्या के राम मंदिर में ये काम वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से हुआ, हजारों साल पहले भी भारत में इसी तरह की वैज्ञानिक सोच उपलब्ध थी।
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