अश्विनी वैष्णव अगर नेता होते तो शायद वो भी पुराने रेल मंत्रियों की तरह इस्तीफा दे देते, लेकिन वह IAS अफसर रहे है, वह समस्याओं से भागने वालों में नहीं हैं।
मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव,रॉजर बिन्नी, मदन लाल, और कीर्ति आजाद की तारीफ करूंगा कि उन्होंने महिला पहलवानों का साथ दिया.उनके बयान से इन प्लेयर्स की हिम्मत बढ़ेगी, उन्हें हौसला मिलेगा.
राहुल अपने कारनामों से अपने इमेज बिल्डर की करी-कराई मेहनत पर पानी फेर देते हैं लेकिन कोई क्या कर सकता है. और उनकी टीम के लोग इस बात के लिए तैयार हैं कि अभी ऐसे कई और उदाहरण सामने आएंगे, जिन्हें हैंडल करना पड़ेगा.
मैं इस बात को लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत मानता हूं कि प्रधानमंत्री अपने 9 साल के काम गिना रहे हैं. मोदी जनता को हिसाब दे रहे हैं. लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही होनी चाहिए.
इस समस्या का इलाज हिन्दू सेना, एंटी रोमियो फोर्स या मुस्लिम फोर्स बनाने से नहीं होगा. इसका एक ही इलाज है. माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे- बुरे, सही-गलत का फर्क बताएं, उनसे बात करें. बच्चों में इतना भरोसा पैदा करें कि वो हर बात अपने मां-बाप से शेयर कर सकें.
दिल्ली में 16 साल की नाबालिग लड़की की हत्या दिल को झकझोर कर रख देती है। इस हत्या की वारदात से ऐसे कई पहलू सामने आए हैं जिसके बारे में घर-परिवार और समाज को सोचना जरूरी है।
मुझे लगता है कि मुद्दा ये नहीं है कि नेहरू जी को सेंगोल किसने दिया था? मुद्दा ये है कि 1947 में आजादी के वक्त नेहरू जी को सेंगोल क्यों दिया गया था?
नये संसद भवन को लेकर जो विवाद खड़ा किया गया है, उसके बारे में मैं तीन बातें साफ कहना चाहता हूं। पहली तो ये कि वर्तमान संसद भवन को बदलना जरूरी था, ये बात लोकसभा के दो पर्व अध्यक्षों, मीरा कुमार और शिवराज पाटिल ने कही थी। मोदी ने इस बात को समझा और एक नया अत्याधुनिक संसद भवन रिकॉर्ड समय के अंदर तैयार करवाया।
मुझे लगता है कि संसद ने नए भवन के उद्घाटन को मुद्दा बनाने की दो बड़ी वजहें हैं। पहली, मोदी विरोध। जो जो पार्टियां मोदी से परेशान हैं, अब 2024 तक हर छोटी बड़ी बात पर, मोदी विरोध के नाम पर, हम साथ साथ हैं का ऐलान करती रहेंगी।
पिछले नौ साल में पीएम मोदी जिस देश में गए, वहां जाकर छा गए। मोदी ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया। यही वजह है कि आज मोदी की वजह से पूरी दुनिया भारत को सम्मान की नजर से देखती है।
नया संसद भवन बनकर तैयार है लेकिन इसके उद्घाटन को लेकर विपक्षी पार्टियों ने विवाद खड़ा किया है। हालांकि नए संसद भवन का स्वागत सभी विपक्षी पार्टियों को करना चाहिए।
रिजर्व बैंक के इस फैसले का असर आम लोगों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा. रिजर्व बैंक के इस फैसले पर न घबराने की जरूरत है और न अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत है.
इमरान बार-बार अपनी तकरीरों में कहते रहे हैं कि वो भागने वाले नहीं हैं, किसी भी कीमत पर मुल्क छोड़कर नहीं जाएंगे, इसलिए अब इमरान खान के लिए इधर कुंआ, उधऱ खाई वाली स्थिति है.
बुधवार रात तक, डीके शिवकुमार सीएम पद के सवाल पर अड़े हुए थे लेकिन गांधी परिवार की तरफ से दबावों के बाद उन्होंने मान लिया.
जब भी कोई पार्टी विषम परिस्थितियों में जीतती है, लंबी लड़ाई के बाद सफलता हासिल करती है तो जीत के कई दावेदार होते हैं. कर्नाटक में दो दावेदार तो सामने दिखाई दे रहे हैं, कई पर्दे के पीछे हैं, इसलिए फैसला करना आसान नहीं होगा.
इमरान खान का इल्जाम है कि पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, वो लंदन में बैठे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की लिखी हुई स्क्रिप्ट है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। आखिर कर्नाटक में बीजेपी को कांग्रेस ने कैसे हराया? जानिए-
इमरान खान भी सरकार की रणनीति समझ रहे हैं, इसीलिए वो पूरी कोशिश करेंगे कि मुल्क में ऐसे हालात बना दिए जाएं, आवाम को इतना भड़का दिया जाए, जिससे सरकार तुरंत चुनाव कराने पर मजबूर हो जाए
पाकिस्तान में कोई नियम कानून को नहीं मान रहा है, जिसकी जो मर्जी है वही कर रहा है.इसलिए अब पाकिस्तान में आगे क्या होगा, कोई नहीं जानता.
जो लोग फौज से टकराने को तैयार हों, जिनके चेहरों पर कोई खौफ न हो, वे सब लोग आने वाले वक्त में इमरान के लिए बहुत बड़ी ताकत बन जाएंगे.
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