पिछले चार साल में डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम राजनीतिक और अदालती चुनौतियों का सामना किया। आखिर में सभी चुनौतियों को मात देकर उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। ट्रंप की सत्ता में वापसी को अमेरिका के राजनीतिक इतिहास की सबसे ज़बरदस्त वापसी में रूप में देखा जा रहा है।
मदरसे चलाने वालों को इस मौके का इस्तेमाल आधुनिक शिक्षा की शुरुआत के लिए करना चाहिए ताकि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आगे चलकर अच्छे कालेजों में प्रवेश पा सकें, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील और आईटी प्रोफेशनल्स बन सकें।
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर में घुसकर हिन्दुओं पर हमला किया। इस हमले में कई लोग घायल हो गए। इस मामले में जो सबसे हैरानी की बात थी वो ये कि कनाडा पुलिस ने उल्टा काम किया और एक्शन हिंदुओं पर लिया।
राजनीति में सक्रिय महिला नेताओं के बारे में भद्दी टिप्पणी करना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है। झारखंड में सीता सोरेन को 'रिजेक्टेड माल' और महाराष्ट्र में शायना NC को 'इंपोर्टेड माल' कहा गया।
योगी ने दीपोत्सव पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया। सनातन धर्म का विरोध करने वालों को कड़ी चेतावनी दी। राम मंदिर के निर्माण पर योगी आदित्यनाथ ने डंके की चोट पर कहा कि हमने जो कहा वह करके दिखाया।
मोदी सरकार ने देश में 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम से जोड़ा है। इससे उन्हें 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
बारामती के नतीजा अजीत पवार के राजनीतिक करियर के लिए गेमचेंजर साबित होगा जबकि शरद पवार के लिए बारामती प्रतिष्ठा का सवाल है। बारामती के फैसले से ही तय होगा कि असली NCP किसकी है।
दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
मुंबई में 'इंडिया टीवी' के 'चुनाव मंच' में आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी का चेहरा सीटों के बंटवारे के बाद किया जाएगा। लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि महाराष्ट्र के लोग आज भी उद्धव ठाकरे के शासन को याद करते हैं।
कई महीनों की बातचीत के बाद चीन ने सीमा पर पेट्रोलिंग और पीछे हटने पर समझौता किया। पिछले दो दिन में ये बात भारत और चीन, दोनों की तरफ से सारी दुनिया को बता दी गई कि दोनों देश अपने रिश्ते सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती भी काम आई।
भारत और चीन के बीच रिश्ते खराब होने से दोनों देशों के आपसी कारोबार पर जो असर पड़ा था वो भी अब धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भारत के बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो कच्चे माल के लिए चीन पर आश्रित हैं, अब उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, सज्जाद गुल अपने तीन साथियों, सलीम रहमानी, सैफुल्लाह साजिद जट और बसित अहमद डार के साथ मिलकर काफ़ी दिनों से गांदरबल इलाक़े की रेकी कर रहा था।
पुलिस न तो नाम पूछकर गोली चलाती है, और न मजहब देखकर एनकाउंटर करती है। बहराइच में जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद जिस तरह से लोगों के घर और दुकानें जलाई गईं वो भी दुर्भाग्यजनक था।
आमतौर पर पुलिस ऐसी हरकत करने वालों को पकड़ती है और उन्हें कोर्ट से आसानी से जमानत मिल जाती है। अब योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का फैसला किया है।
मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे - क्या लोकसभा चुनाव में EVM ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया?
एक खतरनाक अपराधी जेल में बैठकर अपना गैंग कैसे चला सकता है? उसने 200 लड़कों को शूटिंग की ट्रेनिंग देकर हत्या करने के लिए तैयार कैसे कर लिया?
रतन टाटा को लेकर आज लोग इतने भावुक क्यों हैं? रतन टाटा उद्योगपति थे, बिजनेस चलाते थे, पैसा कमाते थे, तो फिर उनको लेकर आज घर-घर में लोग दुखी क्यों हैं? इसे समझने की ज़रूरत है।
सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर ये ऐतिहासिक उलटफेर हुआ कैसे? कांग्रेस से कहां गलती हुई? बीजेपी की कौन सी रणनीति काम कर गई? कांग्रेस सिर्फ हरियाणा में नहीं हारी। जम्मू कश्मीर में भी भले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बहुमत मिला हो लेकिन वहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
कांग्रेस सिर्फ ये कहकर पीछा नहीं छुड़ा सकती कि तुषार गोयल को तो दो साल पहले पार्टी से निकाल दिया था। हरियाणा में वोटिंग से दो दिन पहले तुषार गोयल का पकड़ा जाना, दीपेन्द्र हुड्डा के साथ उसकी तस्वीरें और उसके मोबाइल में दीपेन्द्र हुड्डा का नंबर मिलना, कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रशांत किशोर ने जिस तरह से पार्टी में फैसले लेने की और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तैयार की है, वो भी इंप्रैसिव है। मैं उनकी बस एक ही बात से सहमत नहीं हूं। प्रशांत किशोर का ये कहना कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा सही विचार नहीं है।
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