रेलवे ने महाकुंभ के लिए ढाई साल पहले तैयारी शुरू कर दी थी। प्रयागराज में बड़े पैमाने पर आधारभूत ढांचा खड़ा किया गया लेकिन ये कल्पना किसी ने नहीं की थी कि महाकुंभ में 50 करोड़ से ज्यादा लोग आएंगे।
जब-जब विदेश में मोदी को सफलता मिलती है, सम्मान मिलता है तो हमारे देश में कुछ लोगों को मिर्ची लगती है। राहुल गांधी को मोदी की पूरी अमेरिका यात्रा में सिर्फ अडानी का भूत नज़र आया। मुझे लगता है अडानी के सवाल पर भी मोदी ने करारा जवाब दिया।
आप कल्पना कर सकते हैं कि जब रैंगिग के नाम पर हुई हैवानियत की बात सुनने में इतनी दर्दनाक है, तो उसकी तस्वीरें कैसी होंगी। जिन बच्चों ने ये दारिंदगी झेली, उनकी दर्द भरी चीखें सुनकर उनके मां-बाप पर क्या गुजरी होगी?
योगी आदित्यनाथ की सरकार और प्रशासन के लिए दिन बहुत चुनौती पूर्ण था लेकिन इस चुनौती का योगी ने सफलतापूर्वक सामना किया। प्रयागराज से जो तस्वीरें आईं वो आश्चर्यचकित करने वाली थीं।
AI का सहारा लेकर जो डीपफेक वीडियो बनाए जाते हैं, उनमें जाने-पहचाने चेहरों का इस्तेमाल करके, उनकी आवाज की हूबहू नकल करके लोगों को गुमराह किया जाता है, लोगों को लूटा जाता है।
बातें इतनी गंदी हैं कि मैं बताना तो दूर, खुलकर जिक्र भी नहीं कर सकता। यूट्यूब के इस शो में गाली-गलौज पहले भी होती थी, अश्लील भाषा का इस्तेमाल पहले भी होता था, पर इस बार जो हुआ, उसने देखने वालों को हैरान कर दिया।
संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया कि “बीजेपी ने चुनाव आयोग की मदद से चुनाव जीतने का नया फॉर्मूला निकाला है। महाराष्ट्र के जो नए 39 लाख वोटर हैं, वो अब बिहार की वोटर लिस्ट में जुड़ जाएंगे क्योंकि ये फ्लोटिंग वोटर हैं। जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वहां इन मतदातों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़कर बीजेपी चुनाव जीत लेती है।”
जिन लोगों को डिपोर्ट किया गया, उनमें से ज्यादातर लोगों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें एजेंट ने धोखा दिया, एजेंट को पैसा देने के लिए किसी ने कर्ज लिया, किसी ने जायदाद बेची, किसी ने अपना घर गिरवी रख दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगर संगम में स्नान किया, मां गंगा की आरती की, सूर्य को अर्घ्य दिया, तो इसमें बुराई क्या है? अगर इससे दिल्ली के चुनाव में वोट मिलते हैं तो फिर केजरीवाल और राहुल गांधी को किसने रोका था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग गरीब की झोपड़ी में जाकर फोटो सेशन कराते हैं, वो गरीबी का मतलब ही नहीं जानते, इसीलिए उनको गरीब परिवार से आई राष्ट्रपति महोदया का भाषण बोरिंग लगता है।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच 70 लाख वोटर्स जोड़ने की बात कहकर महाराष्ट्र के चुनाव के नतीजों पर सवाल खड़ा कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को इस मामले में चुनाव के बाद एक लंबा पत्र लिखा था। चुनाव आयोग ने 66 पन्नों का जवाब दिया था।
इस परिवार के लोगों ने बरसों देश पर शासन किया। वे राष्ट्रपति के पद की गरिमा को समझते हैं। सोनिया गांधी आमतौर पर नपे तुले शब्दों में बोलती हैं। एक दो बार को छोड़कर उन्होंने कभी इस तरह के loose comment नहीं किए, पर लगता है कि राहुल गांधी उनसे कुछ कहलवाना चाहते थे।
ये तो सब मानते हैं कि करोड़ों लोगों के लिए संगम में स्नान की व्यवस्था करना दुरूह काम है। ये भी दिखाई दे रहा है कि महाकुंभ में भक्तों की भीड़ अपेक्षा से कहीं अधिक आई है। जब लोग अपने अपने इलाकों में जाकर बताते हैं कि व्यवस्था अच्छी है तो और लोग उत्साहित होकर प्रयागराज की तरफ प्रस्थान करते हैं।
ज्यादातर नेताओं का ये कहना है कि हादसा इसीलिए हुआ कि सारा प्रशासन VIPs की आवभगत में लगा था। ये कहना आसान है और लोग इसपर आसानी से विश्वास भी कर लेंगे क्योंकि लोगों ने कुंभ नगरी में VVIPs को बड़े आराम से स्नान करते हुए देखालेकिन रात को जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, उसे VIP सिंड्रोम से जोड़ना गलत है।
मौनी अमावस्या से एक दिन पहले पांच करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंच गए। मंगलवार को शाम तक साढ़े चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई।
मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा है कि क्या कुंभ में स्नान करने से गरीबी दूर होगी? इसका जवाब जानने के लिए उन्हें एक बार महाकुंभ जाना चाहिए। इसका जवाब उनको वो चाय वाला देगा, जो महाकुंभ में हर रोज 20 से 22 हजार रुपये कमा रहा है।
भिखारियों की पहचान करना, उनके खिलाफ भीख मांगने के सबूत इकट्ठे करना कठिन काम है। भीख देने वालों को पकड़ना, उनके खिलाफ केस बनाना तो और भी मुश्किल है।
मुझे लगता है कि कुंभ में जाए बिना इस बात का एहसास नहीं हो सकता कि काम कितना बड़ा है और इसे कितनी कुशलता के साथ किया जा रहा है। सबसे ज्यादा उत्साह महाकुंभ में आने वाले साधु संतों में नज़र आया।
ट्रम्प ने साबित कर दिया कि वो जो कहते हैं, वही करते हैं और जो करते हैं, उसे पहले ही साफ-साफ कह देते हैं। White House में काम संभालने के पहले ही दिन 100 ऑर्डर पहले कभी किसी राष्ट्रपति ने जारी नहीं किए।
अपार्टमेंट के अंदर जाने के लिए मुख्य दरवाज़े पर कैमरा और वॉयस मैसेज सिस्टम है। गेट पर पासवर्ड वाला लॉक है। इसके बाद भी हमलावर ग्यारहवें फ्लोर पर सैफ अली खान के घर के भीतर कैसे दाखिल हो गया?
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़