आम आदमी पार्टी सिसोदिया की गिरफ़्तारी पर इतनी आक्रामक क्यों है? इसकी वजह बिल्कुल साफ़ है। शराब घोटाले की आंच अब सीधे अरविंद केजरीवाल तक पहुंच सकती है। क्योंकि इस मामले की जांच ईडी भी कर रही है।
कांग्रेस के नेता ये जानते हैं कि मोदी को गाली देने से नुकसान ही होता है। कई चुनावों में इसका नतीजा देख चुके हैं। इसके बाद भी पता नहीं क्यों चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के नेता सेल्फ गोल कर देते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने भले ही अजनाला थाने में हालात को शांत करने में अपनी परिपक्वता दिखाई लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार को यह समझना चाहिए कि कट्टरपंथियों के खिलाफ नरमी बरतने से काम नहीं चलेगा।
पहली बार यह बात सामने आई है कि 2019 में आधी रात को और उसके बाद जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ, उसकी स्क्रिप्ट किसी और ने नहीं, बल्कि सियासत के चतुर खिलाड़ी शरद पवार ने लिखी थी।
उद्धव ठाकरे के मन में डर है कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब पार्टी के साथ-साथ पार्टी की प्रॉपर्टी और इसका फंड भी शिंदे गुट के हाथ में चला जाएगा।
दोनों मामलों में लड़की के परिवार वाले रिश्ते से अनजान थे, उन्हें पता ही नहीं था उनकी बेटी किसी लड़के साथ लिव-इन में रह रही है।
झोपड़ी को सरकारी बुलडोजर से बचाने के लिए दोनों पीड़ितों के खुद को अंदर बंद करने, झोपड़ी में अचानक आग लगने और जलती झोपड़ी पर बुलडोजर चलने का वीडियो देखकर लोगों का दिल दहल गया।
सरकार का दावा है कि उसका रेगुलेटरी मैकेनिज्म ठीक-ठाक है, निवेशकों को नुकसान नहीं होगा, इसके बावजूद जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा तो सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का फैसला किया।
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश कभी बीमारू (बिहार, एमपी, राजस्थान, यूपी) राज्य हुआ करता था। बड़े पैमानों पर अपराध के चलते यह राज्य पिछड़ता जा रहा था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और राज्य विकास के इंजन के रूप में उभरा है।
मंगलवार की सुबह संसदीय दल की बैठक में बीजेपी के सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भुज में आए विनाशकारी भूकंप को याद किया जिसमें 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
उद्योगपति कोई भी हो, अगर राजनीतिक कारणों से हम उन पर हमला करेंगे तो इसमें देश का कितना नुकसान है, इसके बारे में भी एक बार जरूर सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देश की अर्थव्यवस्था के बारे में एक दीर्घकालीन दृष्टिकोण से काम किया। 2014 में अरुण जेटली ने मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया था। अगर आप गौर से देखें तो तब से लेकर इस साल तक के सभी सालाना बजट आपस में जुड़े हुए हैं।
कांग्रेस के नेता खुश हैं कि यात्रा की वजह से राहुल गांधी ने अपने आप को नीतीश कुमार और के चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं के मुकाबले बड़ा नेता साबित कर दिया।
सुरक्षा एजेंसियों ने राहुल गांधी के चारों तरफ जो बाहरी सुरक्षा घेरा बनाया था वह भीड़ बढ़ने के चलते टूट गया। सुरक्षा बलों के लिए भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
वे दिन गए जब भारत की फौज अपने हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहा करती थी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्वदेशी रक्षा क्षेत्र के विकास पर पूरा जोर दिया है और ये उपकरण उसी पहल का सबूत हैं।
सवाल सिर्फ मोदी का नहीं है। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले का भी है। देश के आत्मसम्मान का भी है। दंगे आज से 20 साल पहले हुए थ। डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले BBC के लोग देश से बाहर के हैं। यह मामला निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुना जा चुका है।
जयराम रमेश की बौखलाहट और उनका गुस्सा ये समझने के लिए काफी है कि दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस में कितनी बेचैनी है। इस बयान से राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का नैरेटिव बिगड़ा है। लेकिन इससे दिग्विजय सिंह की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जो पांच संकल्प लिए थे उनमें एक संकल्प यह भी था कि गुलामी के प्रतीकों को और गुलामी की मानसिकता को खत्म करना है।
बृजभूषण शरण सिंह को यह भी पता है कि जो खिलाड़ी धरने पर बैठे, वे सीनियर खिलाड़ी हैं। उनका करियर अपनी ऊंचाई पर है और इसलिए वे बोल रहे हैं, लेकिन जो जूनियर खिलाड़ी हैं उनका पूरा करियर अभी बाकी है। वे करियर ख़त्म होने के डर से सीनियर्स को सपोर्ट नहीं करेंगे।
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक जैसे जाने-माने पहलवान कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के खिलाफ फाइनल मुकाबले के मूड में हैं। इन पहलवानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तरफ से न्याय मिलने की काफी उम्मीदें हैं।
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