जो लोग फौज से टकराने को तैयार हों, जिनके चेहरों पर कोई खौफ न हो, वे सब लोग आने वाले वक्त में इमरान के लिए बहुत बड़ी ताकत बन जाएंगे.
अपने घर में आग लगी हो तो आप उसे बुझा सकते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में आग लगी हो और पड़ोसी दुश्मन हो तो उस आग की गर्मी परेशान करती है।
जिस चुनाव में टक्कर जितनी कांटे की होती है, जहां हार जीत के अंतर कम होने के आसार होते हैं, वहां किसी के लिए भी यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता है कि सरकार किसकी बनेगी।
पीयूष गोयल के साथ 'आप की अदालत' शो आप शनिवार और रविवार रात 10 बजे और रविवार सुबह 10 बजे इंडिया टीवी पर देख सकते हैं।
मेडल जीतने वाली महिला पहलवानों की आंखों में आंसू देखकर किसी का भी दिल रोएगा।सरकार को इनसे बात करके, इस मामले को जल्दी से जल्दी सुलझाना चाहिए।
पवार साहब की खासियत यह है कि वो दाएं हाथ से जो करते हैं उसकी खबर बाएं हाथ को नहीं लगने देते। पवार ने मंगलवार जो कदम उठाया उससे इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि उनकी स्कीम में आगे क्या है।
प्रियंका और राहुल गांधी भी जानते हैं कि अगर कांग्रेस के नेता नरेंद्र मोदी को गालियां देते हैं तो यह पार्टी को कितना महंगा पड़ता है। पिछले कई चुनावों में कांग्रेस को मोदी को गालियां देने की क़ीमत चुकानी पड़ी है।
नोट करने वाली बात यह है कि ऐसी गालियों से कांग्रेस को कभी फायदा नहीं हुआ, उल्टा बीजेपी ने इसका शोर मचा कर कांग्रेस को बार-बार नुकसान पहुंचाया।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के केस को असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश की।
तीनों शूटर्स की अतीक से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है, उनका कोई लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास नहीं है जिसके जरिए पुलिस उनके बारे में कुछ पता लगा सके।
अतीक की मौत के बाद अब वे लोग जो पहले उसके गैंग के सदस्य थे और संपत्तियों पर कब्जा जमाने में उसकी मदद करते थे, खुद को ऐसे प्रोजेक्ट कर रहे हैं जैसे वो अतीक के सताए हुए हैं।
बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि बात-बात पर गोली चलाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक पर फायरिंग कर रहे हत्यारों पर फायरिंग क्यों नहीं की?
दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में घुसते ही अब बड़े से बड़े माफिया की पैंट गीली हो जाती है।
नरेंद्र मोदी की सरकार की नीति मे झुकने की गुंजाइश नहीं है, इसीलिए अब देश के गृह मंत्री ने उसी जगह पर जाकर चीन को जवाब दिया, जिस पर वह दावा जता रहा है।
गुलाम नबी आजाद ने पहली बार खुलासा किया कि सोनिया गांधी इसलिए डरी हुई थीं क्योंकि बीजेपी की कुछ महिला नेताओं ने उन्हें पीएम बनाए जाने पर उनका विरोध करने का फैसला किया था।
गुलाम नबी आज़ाद ने ‘आप की अदालत’ में कई खुलासे किए। आज़ाद ने इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे राहुल गांधी ने 'मोदी को गाली' देने की रणनीति अपनाकर 9 साल बर्बाद कर दिए।
नेताओं की गिरफ्तारी न हो, गिरफ्तारी हो तो तुरंत बेल मिले, अगर बेल न मिले तो नेताओं को जेल के बजाए घर में हाउस अरेस्ट रखा जाए, कोई भी अदालत यह आदेश कैसे दे सकती है?
जब शिक्षा नीति बदलती है तो कुछ पुरानी चीज़ें हटती हैं और कुछ नई चीजें जुड़ती हैं। सिलेबस में जो बदलाव हुए हैं वो अस्थायी हैं। इन्हें फिर से बदला जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सीबीआई अधिकारियों से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी को भी नहीं बख्शना है, फिर चाहें वह कोई भी हो। पीएम ने कहा कि आप लोग अपने काम पर ध्यान दें। देश, कानून और सरकार आपके साथ है।
ममता अब डैमज कन्ट्रोल की कोशिश कर रही हैं और कह रही है कि उन पुलिस वालों पर एक्शन होगा जिन्होंने संवेदनशील इलाकों में रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा की इजाजत दी।
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