एलन मस्क ने ईवीएम को लेकर ट्वीट किया और उसे लेकर भारत में एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मच गई। एलन मस्क के ट्वीट को आधार बनाकर एक बार फिर पूरा विपक्ष उसपर सवाल उठाने लगा। मस्क ने अमेरिका के संदर्भ में ट्वीट किया और बवाल भारत में मच गया।
उत्तर प्रदेश मे बीजेपी की सीटें कम क्यों हुईं, इसका विश्लेषण चुनाव विशेषज्ञ कई बार कर चुके हैं। ज्यादातर लोग मानते हैं कि बीजेपी ने टिकट बांटते समय जातिगत समीकरणों का ध्यान नहीं रखा।
परीक्षा कराने वाली NTA के जवाब और भी हैरान करने वाले हैं। NTA का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बना दी गई है, ग्रेस मार्क्स भी नियम के मुताबिक दिए गए हैं। ये कहना और भी बड़ा मजाक है।
बीजेपी के अंदर कई नेता चाहते हैं थे कि बीजेपी को जगन मोहन के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री का अपना आकलन था कि आंध्र में इस बार चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए।
जो लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि मोदी को गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, ये वैसी ही बात है, जब उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर कहा गया था कि उन्हें विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है।
Rajat Sharma Blog : मोदी के मंत्रिमंडल का स्वरूप कैसा होगा, कितने मंत्री शपथ लेंगे, किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी, कौन-कौन से मंत्रालय दिए जाएंगे, इन सब बातों पर जेपी नड्डा के घर पर शुक्रवार को NDA के सहयोगियों के साथ बात हुई।
राष्ट्रपति भवन में मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई है। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेहमानों के लिए कुर्सियां लग गई हैं। मोदी रविवार नौ जून को शपथ लेंगे, जिसमें कई पड़ोसी देशों के राजनेता उपस्थि रहेंगे।
कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी करके मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोका जाना चाहिए। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि मोदी को तीसरे टर्म से रोक पाना असंभव है।
बीजेपी को भी इस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए कि इतना परिश्रम, इतना काम और इतनी कल्याणकारी योजनाओं लागू करने के बाद भी उनकी सीटें कम क्यों हुईं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, बंगाल, यूपी, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में उनका एलायंस शानदार प्रदर्शन करेगा।
मैं हैरान हूं कि मल्लिकार्जुन खरगे और ममता बनर्जी जैसे अनुभवी नेताओं ने मोदी के ध्यान को मुद्दा बनाया। वे भी जानते हैं कि ये ना तो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और न ही विवेकानंद शिला पर ध्यान लगाने से मोदी को कोई वोटों का फायदा होने वाला है।
अमित शाह का एक खास गुण ये है कि वो हर विषय पर खुलकर बोलते हैं। उनका दूसरा गुण ये है कि बीजेपी कहां कितनी सीटें जीतेगी, इसका वो लगातार आकलन करते रहते हैं। तीसरी बात ये कि वो सीटों के बारे में तभी पूर्वानुमान बताते हैं जब उनके पास 4-5 अलग अलग रिपोर्ट्स आ जाती हैं।
बंगाल में इस बार का चुनाव बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के लिए नाक का सवाल है। फर्क बस इतना है कि बंगाल में ममता का सब कुछ दांव पर लगा है लेकिन बीजेपी के लिए बंगाल में खोने के लिए कुछ नहीं हैं।
पाकिस्तान में मेरे चुनावी शो की आजकल खूब चर्चा हो रही है। वहां के लोगों को यह खास शो खूब पसंद आ रहा है। हैरानी की बात ये है कि मोदी ने इस इलेक्शन शो में पाकिस्तान की खिंचाई की, वहां के हालात को लेकर तीखे कमेंट किए। पाकिस्तान के लोगों को मोदी का अंदाज़-ए-बयां पंसद आया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस राम मंदिर का विरोध करती है, समान नागरिक संहिता के खिलाफ है, क्योंकि कांग्रेस देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीया) लागू करना चाहती है। हिमाचल और पंजाब की रैलियों में मोदी ने कांग्रेस पर देश में शरीया लागू करने के मंसूबे पालने का इल्जाम लगाया।
दिल्ली में कांग्रेस औऱ आम आदमी पार्टी का अलायन्स है, दोनों मिलकर लड़ रहे हैं, लेकिन इस बार भी बीजेपी के लिए हालात मुश्किल नहीं दिखते क्योंकि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करके सत्ता में आए और आज वो खुद रिश्वत के कई मामलों में फंसे हैं।
पीएम मोदी ने संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय में नारी शक्ति संवाद कार्यक्रम में करीब 25 हजार महिलाओं को संबोधित किया। इस कार्यक्रम की खास बात ये थी कि इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिलाएं ही मौजूद थीं। मंच का संचालन भी महिलाओं ने किया।
अगर एक मिनट के लिए शरद पवार की बात मान भी ली जाए कि मोदी की लोकप्रियता कम हुई है, तो पवार साहब ये तो बता दें कि किसकी लोकप्रियता बढ़ी है? पवार साहब की? जिनका भतीजा साथ छोड़ गया।
ये सारी की सारी घटना चौंकाने वाली, चिंता में डालने वाली है। अब पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच करेगी। इसमें कानून और सार्वजनिक सहानुभूति स्वाति के साथ है, राजनीतिक हालात उनके पक्ष में है, इसीलिए केजरीवाल की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं।
केजरीवाल बहुत चालाक हैं, लेकिन जनता उनसे ज्यादा चतुर है। सब इस बात को समझते हैं कि चूंकि विरोधी दल मोदी की लोकप्रियता से घबराने लगे हैं, वो जानते हैं कि मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते, योगी भी लोकप्रिय हैं, इसलिए योगी के जाने और मोदी की जगह अमित शाह के आने का डर दिखाओ, पब्लिक को कन्फ्यूज करो।
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