ये मामला इसीलिए गंभीर है क्योंकि जो लोग बरसों से मुझे टीवी पर देख रहे हैं, जो मेरी बात पर भरोसा करते हैं, उन्हें गुमराह करने की कोशिश की गई।
बीजेपी का इल्जाम है कि राहुल गांधी ने बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देकर गिराया जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी है, लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि उन्होंने किसी को धक्का नहीं दिया।
अमित शाह का भाषण सुनने के बाद ये साफ हो जाता है कि एडिटेड वीडियो से फेक नैरेटिव कैसे खड़ा किया जाता है। कांग्रेस ने 11 सेकेंड का वीडियो दिखाकर ये फैलाने की कोशिश की कि अमित शाह ने बाबासाहेब का अपमान किया।
अमित शाह ने गिनाया कि कांग्रेस ने संविधान में जो संशोधन किए, वो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाने के लिए थे, आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनने के लिए थे। अमित शाह की ये बात सही है और इमरजेंसी के काले दिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।
योगी ने कहा कि ये देश श्रीराम, कृष्ण और भगवान बुद्ध का देश है, उन्हीं के रास्ते पर चलेगा। योगी ने पूछा कि 'जय श्रीराम' का नारा सांप्रदायिक कब से हो गया?
अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता इस समय टॉप पर है, ऐसे में इस सुपरस्टार की गिरफ्तारी हैरान करने वाली है। सवाल ये है कि आखिर उनकी गलती क्या थी? उनकी गिरफ्तारी का सच सामने आना जरूरी है।
जब से ज्ञानवापी केस में लोअर कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया, उसके बाद अचानक इस तरह के मामलों की बाढ़ सी आ गई। मथुरा के अलावा धार की भोजशाला में सर्वे का आदेश दिया गया। फिर संभल में सर्वे का आदेश अर्जी देने के दो घंटे के भीतर आ गया।
अतुल सुभाष की आत्महत्या बहुत सारे सवाल खड़ी करती है। क्या अतुल का कसूर ये था कि उसकी अपनी पत्नी से अनबन हो गई? क्या उसका कसूर ये था कि उसके पास समझौते के लिए तीन करोड़ रुपये नहीं थे?
मुझे लगता है कि ऐसी परिस्थिति में मस्जिद कमेटी को खुद आगे आकर गैरकानूनी निर्माणों को तोड़ना चाहिए था। हाइवे बनेगा तो इसका फायदा सभी लोगों को होगा।
हंगरी में जन्मे अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस अपने आप को किसी एक देश का नागरिक नहीं मानते। वो अपने आप को stateless कहते हैं। वह पिछले कई साल से भारत को अस्थिर बनाने का एजेंडा चला रहे हैं। खास तौर पर नरेंद्र मोदी हमेशा उनके निशाने पर रहते हैं।
जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में नोटों की गड्डी मिलना बेहद गंभीर मामला है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता, इसलिए इसकी जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन विपक्ष जिस तरह से सदन में हंगामा कर रहा है, उससे शक पैदा होता है।
सुखबीर बादल पर हमले की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। दरबार साहिब में, भगवान के घर में, सेवा करते व्यक्ति पर गोली चलाना गंभीर जुर्म है, पाप है। हमला करने वाले ने सिर्फ इस बात का फायदा उठाया कि दरबार साहिब की मर्यादा के मुताबिक वहां जाने वालों की चेकिंग नहीं की जाती।
महाराष्ट्र में जितनी जबरदस्त जीत हुई थी, सरकार बनाने में देरी ने उसकी चमक उतनी ही कम कर दी। शिंदे ने जो नखरे दिखाए, उसकी वजह से जो हारकर हताश बैठ गए थे, उन्हें कमेंट करने का मौका मिला।
नई सरकार में एकनाथ शिंदे किस रोल में होंगे, ये फिलहाल तय नहीं है क्योंकि शिंदे नाराज़ बताए जा रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में एक ट्रेंड सा हो गया है। जब भी मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले वर्षा के लिए कोई बारात निकलती है तो एक न एक फूफाजी नाराज़ जरूर हो जाते हैं।
राजधानी ढाका में इस्कॉन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए। ढाका की बैतुल मुकर्रम मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद, हिफ़ाज़ते इस्लाम संगठन के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने इस्कॉन के ख़िलाफ़ मार्च किया। इस्कॉन पर पाबंदी लगाने की मांग की
महाविकास अघाड़ी में हार की वजह से उद्धव ठाकरे के गुट में चर्चाओं का दौर जारी है। उद्धव की शिवसेना के सीनियर लीडर अंबादास दानवे ने कहा है कि पार्टी के नेताओं को लगता है कि अगर महाराष्ट्र की 288 सीटों पर पार्टी अकेले चुनाव लड़ती तो उनकी सीटें ज्यादा आतीं।
शरद पवार भी अपनी पार्टी के हारे हुए उम्मीदवारों को EVM के जरिए गड़बड़ी के सबूत इकट्ठा करने का निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद नाना पटोले ने भी ऐलान कर दिया कि कांग्रेस EVM के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में सिग्नेचर कैंपेन चलाएगी।
इमरान ने पाकिस्तान के लोगों से कहा कि उन्हें तय करना है कि वो बहादुर शाह जफर जैसी कैद चाहते हैं या टीपू सुल्तान की तरह आजादी का ताज चाहते हैं।
अगर प्रशासन ने सावधानी बरती होती, तो इतनी भीड़ इकट्ठी नहीं होती और भीड़ को मज़हब के नाम पर भड़काया न गया होता, तो वो पुलिस पर हमला न करती। सर्वे का काम शांति से हो सकता था।
पिछली बार जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, उस वक्त भी अडानी 20 हजार करोड़ का FPO लाने वाले थे। उस वक्त भी उन्हें शेयर मार्केट में नुकसान हुआ था। तो क्या ये महज संयोग है?
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