प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नये वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा, वक्फ की लाखों हेक्टेयर जमीन और बेशकीमती प्रॉपर्टी से मुस्लिम महिलाओं, बेवाओं, नौजवानों और पसमंदा मुसलमानों का भला होगा।
कानून तो बहाना है, असल में मोदी निशाना हैं। मौलानाओं की तकरीर का मकसद किसी तरह मोदी को झुकाना है। वक्फ कानून का आम मुसलमान से कोई लेना-देना नहीं है, पर उसे ये समझाया जा रहा है कि सरकार मस्जिदों, कब्रिस्तानों और ईदगाहों पर कब्जा कर लेगी।
बड़ी बात ये है कि तहव्वुर राणा के केस की मदद से पाकिस्तान की कलई खुलेगी। वहां की फौज और ISI बड़ी बेशर्मी से इस बात का खंडन करते हैं कि 26/11 के हमले में उनका हाथ नहीं था।
तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए मोदी सरकार को पूरी ताकत लगानी पड़ी। कहते हैं, दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए, नरेंद्र मोदी ने ये करके दिखाया।
2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो चीन की इन अनफेयर प्रैक्टिस पर सवाल उठाए गए। ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान शुरू किया गया। मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन को चुनौती दी गई, लेकिन दुनिया के ज्यादातर मुल्क उस समय भी खामोश रहे।
दुनिया भर में इस समय अमेरिका के कारण टैरिफ युद्ध छिड़ा हुआ है। दुनिया भर में मंदी की आशंका जताई जा रही है। निवेशकों ने स्टॉक मार्केट से हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं।
मुझे लगता है पीयूष गोयल ने जो कहा, वो सच कहा। उन्होंने स्टार्टअप चलाने वालों को सिर्फ आईना दिखाया, नौजवानों को प्रोत्साहित करने के लिए कड़वी बात कही। उनकी बात को इसी भावना से लेना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ से अमेरिका में मिलने वाली भारतीय वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इसका मतलब होगा उनकी कम डिमांड और अमेरिका को कम निर्यात। लेकिन सकातरात्मक संकेत ये है कि जिन देशों से हमारी व्यापार प्रतिस्पर्धा है, उनके टैरिफ और भी ज्यादा बढ़ाए गए हैं।
नरेंद्र मोदी से पहले की सरकारें मुसलमानों से जुड़े किसी भी कानून को छेड़ने से डरती थी, वे मुस्लिम वोटों के ठेकेदारों से खौफ खाती थीं। मुस्लिम वोट मिलता रहे, इस वजह से मुसलमानों को नाराज़ करने के ख्याल से भी घबराती थीं। नरेंद्र मोदी ने इस नैरेटिव को बदला है।
अब लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हो जाएगा लेकिन जब इस पर जो लम्बी बहस होगी, तो सब की पोल खुल जाएगी। जनता को पता चल जाएगा कि वक्फ बिल पर कौन सा दल मुस्लिम वोटों के लिए स्टैंड ले रहा है और कौन सुधारों के लिए अड़ा हुआ है।
नरेंद्र मोदी का न तो कोई विकल्प है, न कोई उत्तराधिकारी और न कोई नंबर 2। मैं तो कहता हूं कि नंबर 1 से लेकर नंबर 10 तक फिलहाल कोई नहीं है। मोदी के पद छोड़ने, उत्तराधिकारी चुनने की बातें पूरी तरह हवा-हवाई हैं।
मोदी ने कहा है कि म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से वो दुखी हैं। दोनों देशों को भारत हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। मोदी ने कहा कि विदेश मंत्रालय को उन्होंने थाईलैंड और म्यांमार की सरकार से संपर्क में रहने को कहा है।
भारत में अवैध घुसपैठियों को रोकने के लिए कानून आजादी से पहले बने थे और अब तक चले आ रहे हैं। अमित शाह ने 1920, 1939 और 1946 में बने कानूनों को वक्त की जरूरत के हिसाब से बदला है। अब भारत में गैरकानूनी तरीके से घुसना और यहां आकर बसना मुश्किल हो जाएगा।
बिहार में मुस्लिम वोटर 18 प्रतिशत से ज्यादा हैं। 243 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर हार-जीत तय करता है। नीतीश कुमार के लिए महादलित और मुस्लिम कॉम्बिनेशन कई चुनावों से काम करता रहा है।
मुझे लगता है कि त्योहार के मौके पर गरीबों को जो भी सौगात मिले, उसका स्वागत होना चाहिए। हर बात में सियासत घुसाने की कोई जरूरत नहीं है।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने कहा था कि समय के साथ सब कुछ बदलता है, एक वक़्त आएगा, जब संविधान भी बदलेगा। उनसे सवाल किया गया था कि कर्नाटक सरकार ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार परसेंट आरक्षण देने का जो फैसला किया है, क्या वो संविधान के ख़िलाफ़ नहीं है?
अगर इस मामले के सच को छुपाया गया, दबाया गया तो तूफान खड़ा हो जाएगा। हमारी judiciary को और ज़्यादा चोट लगेगी। इसका मतलब ये लगाया जाएगा कि जज कुछ भी कर लें, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
क्या बिहार में इतनी आसानी से हथियार मिल रहे हैं और किसी वारदात के बाद इतनी आसानी से हथियार गायब हो जाते हैं? क्या ये पुलिस की नाकामी नहीं है? हकीकत यही है कि बिहार में कानून व्यवस्था खराब हुई है।
मीटिंग खत्म होने के बाद अचानक पंजाब पुलिस का एक्शन शुरू हो गया। अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने चुनाव के समय किसानों के पैर छूकर वोट मांगे थे।
वापसी से एक दिन पहले पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होने कहा कि ‘भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं’। गुजरात के महेसाणा जिले के झूलासन गांव में लोगों ने नगाड़े बजा कर और पटाखे चला कर सुनीता की वापसी पर जश्न मनाया।
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