राजस्थान में आचार संहिता लागू होने के बाद सात जिलों में 92.68 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सामग्री जब्त की जा चुकी है। इसमें 5.52 करोड़ की अवैध शराब भी शामिल है। सबसे ज्यादा 76.07 करोड़ रुपये का सामान राजस्थान पुलिस ने पकड़ा है।
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ जिस तरह का अलोकतांत्रिक और पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने दिया कुमारी को ‘बेचारी मैडम’ कह दिया था जिसके बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया है। अब इस पर दिया कुमारी ने वीडियो जारी कर कांग्रेस विधायक को करारा जवाब दिया है।
राज्य सरकार ने 10 संकल्पों पर काम करने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि राज्य को 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने, पानी, बिजली और सड़क सुविधाओं बेहतर करने, नियोजित शहरी विकास और किसानों को सशक्त बनाने को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।
लोकसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे के मन में जो कसक थी, वो अब धीरे-धीरे बयानों के जरिये सामने आ रही है। उदयपुर के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, वफा का वह दौर अलग था। तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे, लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं।
करणपुर विधानसभा सीट की जनता ने अपना समर्थन कांग्रेस के उम्मीदवार को दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेंद्रपाल सिंह को सिरे से नकार दिया है। आइए अब जानते हैं कि अब सुरेंद्र सिंह टीटी के पास क्या-क्या विकल्प हैं?
करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी और मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को बड़े मार्जिन से हराया है। इस सीट पर तत्कालीन विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
करणपुर सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग हुई जिसके परिणाम जारी हो गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। इसके लिए भाजपा को 7 सांसदों को भी राजस्थान में उतारना पड़ा। ऐसे में हम देखेंगे कि सांसदी छोड़कर विधायक बनने वाले भाजपा नेताओं को फायदा हुआ है या नुकसान...
सत्तारूढ़ भाजपा ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल कर लिया। कांग्रेस ने इसकी आलोचना की।
राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बाबा बालकनाथ को जगह नहीं मिलना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बाबा बालकनाथ सीएम पद की रेस में थे लेकिन उन्हें कोई मंत्रालय तक नहीं दिया गया।
राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को शुक्रवार को भाजपा की केंद्रीय कमेटी द्वारा दिल्ली बुलाया गया है। सीएम और पार्टी की केंद्रीय कमेटी के बीच नए मंत्रिमंडल में शामिल नाम को लेकर चर्चा हो सकती है।
राजस्थान में विधानसभा सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट समेत लगभग सभी कांग्रेसी विधायक काली पट्टी बांधकर सदन पहुंचे थे। ये कदम संसद से विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के खिलाफ उठाया गया था।
राजस्थान के दोनों डिप्टी CM की शपथ असंवैधानिक है। ये कहते हुए एक वकील ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ओम प्रकाश सोलंकी ने नियुक्तियों को रद्द करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
25 नवंबर को राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुए थे। करणपुर विधानसभा क्षेत्र में 5 जनवरी को मतदान होगा।
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्याकांड में घायल अजीत सिंह की भी मौत हो गई है। गौरतलब है कि शूटर्स ने गोगामेड़ी पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
राजस्थान में भी बीजेपी ने नए सीएम के नाम का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाया गया है। उनके सीएम बनाए जाने पर परिवार में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
राजस्थान विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में वासुदेव देवनानी को नामित किया गया है। देवनानी इस वक्त राजस्थान की अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से विधायक हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में सबकुछ।
भारतीय जनता पार्टी ने सभी कयासों पर ब्रेक लगाते हुए भजन लाल शर्मा के रूप में राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है। अब इस खबर पर भजन लाल शर्मा के पिता का बयान भी सामने आया है।
राजस्थान को अपना नया सीएम मिल गया है। भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए सीएम होंगे। इसके अलावा राज्य में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। वासुदेव देवनानी को विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है।
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