एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिये फ्रांस में ही रुकेंगे। बयान में कहा गया है कि सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी।
भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिले हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है।
राफेल लड़ाकू विमान मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से सुसज्जित होगा, जोकि दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद सकती हैं। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान ताकत बढ़ाने वाला होगा।
चीन से जारी तनातनी के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर है। अत्याधुनिक राफेल विमानों की पहली खेप इसी महीने भारत पहुंचने वाली है।
22 और 23 जुलाई को होने वाली भारतीय वायुसेना की कॉन्फ्रेंस बैठक काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में जारी हालात पर आगे की रणनीति और राफेल की तैनाती को लेकर चर्चा की जाएगी।
सामरिक ताकत के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले राफेल लड़ाकू विमान इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंचना शुरू हो जाएंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां कहा कि वायु सेना में राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने से भारत को पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को तबाह करने के लिए सीमापार नहीं जाना होगा बल्कि वह अपने देश से ही यह काम कर सकता है।
फ्रांस ने भारत को तीन अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल सौंप दिया है। इन तीनों विमानों का उपयोग फ्रांस में ही भारतीय वायुसेना के पायलटों और टेक्नीशियंस को ट्रेनिंग देने के लिए किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनीयता और रक्षा सौदों में ईमानदारी साबित हुई बल्कि राहुल गांधी की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर कई सारे सवाल खड़े हो गए।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ ने RAFALE घोटाले की जांच का एक बड़ा दरवाजा खोल दिया है। अब पूरी ईमानदारी के साथ जांच शुरू होनी चाहिए।
राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर उच्चतम न्यायालय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को दी गई क्लिनचिट के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी गुरुवार को न्यायालय ने खारिज कर दी।
उच्चतम न्यायालय राफेल सौदे पर सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा।
पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना को मिले लड़ाकू विमान राफेल को लेकर स्पष्ट रूप से बेचैनी पाई जा रही है। इसी बेचैनी का प्रमाण उसके इस आशय के बयान हैं जिनमें राफेल से नहीं डरने और अपनी सुरक्षा के दावे की दुहाई दी जा रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस यात्रा के नतीजे भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत करेंगे। राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और फ्रांस सरकार के आतिथ्य के प्रति मेरा आभार।
लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस द्वारा राफेल मुद्दा छोड़ दिये जाने की बात खारिज करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को इस जंगी जहाज की वास्तविक कीमत का खुलासा करना चाहिये।
फ्रांस, कतर और मिस्र के बाद भारत चौथा देश है जिसकी वायुसेना के पास राफेल लड़ाकू विमान है।
मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय निरुपम ने कहा कि शस्त्र पूजा को तमाशा नहीं कहा जा सकता क्योंकि हमारे देश में शस्त्र पूजा की पुरानी परंपरा है
इस मौके पर फ्रांस के शीर्ष सैन्य अधिकारी तथा राफेल के विनिर्माता दसाल्ट एविएशन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था।
भारत को पहले राफेल लड़ाकू विमान की आधिकारिक डिलिवरी मिलने जा रही है, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस की राजधानी पेरिस में पहुंचकर मंगलवार को आधिकारिक तौर पर पहले राफेल विमान की डिलिवरी लेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन कार्यक्रम पर फ्रांस जाकर राफेल विमान का शस्त्र पूजन करेंगे।
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