भारत के लिए खास तौर पर तैयार किए गए अत्याधुनिक 36 राफेल विमान मीका, मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है। इन मिसाइलों की बेजोड़ मारक क्षमता से वायुक्षेत्र में भारतीय वायुसेना का दबदबा हो जाएगा।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल कर लिया गया है।
वायुसेना ने 59 हजार करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल फाइटर का सौदा किया है, इसमे से 5 विमान जुलाई में भारत आए थे, वहीं 4 विमान की अगली खेप के अक्टूबर में आने की संभावना है।
राफेल फाइटर जेट LAC से करीब 1800 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में हुंकार भर रहे हैं। रात के अंधेरे में राफेल की सफल लैंडिंग की ट्रेनिंग चल रही है।
क्रिकेट के भगवान और खुद एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के मानद पद पर तैनात सचिन तेंदुलकर ने भी राफेल विमान के आगमन पर इंडियन एयरफोर्स को बधाई दी।
फ्रांस से 27 जुलाई की सुबह चले 5 सुपरसोनिक राफेल विमानों की अंबाला एयरबेस पर आज बुधवार दोपहर बाद 3.10 बजे हैप्पी लैंडिंग हुई।
जानिए भारत पहुंचे अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल युद्ध के दौरान कैसे दुश्मन पर भारी पड़ेगा। पढ़िए राफेल से जुड़ी पूरी जानकारी।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने उन पायलटों का स्वागत किया जो इन विमानों को उड़ाकर भारत लाए है। राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से उसकी शक्ति में बहुत इजाफा हुआ है।
कांग्रेस ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के भारत आने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि हर देशभक्त को यह पूछना चाहिए कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया।
मित्र देश फ्रांस से चलकर पांचों राफेल लड़ाकू विमान भारत के मेन स्ट्रैटजिक अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंड कर चुके हैं। देखिए अंबाला एयरबेस पर हुई लैंडिंग की शानदार तस्वीरें और वीडियो।
4.5 जनरेशन का दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल के भारत आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर स्वागत किया है।
भारतीय वायुसेना के लिए 'गेम चेंजर' माने जाने वाले राफेल के पहले पांच फाइटर जेट ने अब से कुछ देर पहले देश के सबसे पुराने एयरबेस अंबाला पर लैंडिंग की है।
करीब एक दशक के इंतजार के बाद राफेल विमान बुधवार 29 जुलाई को भारत की धरती पर उतरने वाले हैं।
हिलाल की पढ़ाई जम्मू जिले के नगरोटा कस्बे में सैनिक स्कूल में हुई। वह वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुए।
देश के सबसे पुराने एयरबेस अंबाला में भारतीय वायुसेना के लिए 'गेम चेंजर' माना जानेवाला राफेल विमान बुधवार को लैंड करनेवाला है।
बचपन में पहलवान बनकर कुश्ती के दांव पेच सीख कर प्रतिद्वंदी को परास्त करने का जज्बा रखने वाले अभिषेक त्रिपाठी ने आकाश के सिकंदर राफेल को उडाने की महारत हासिल की है।
अंबाला जिला प्रशासन ने अंबाला एयर फोर्स स्टेशन के आसपास के इलाके में धारा 144 लगा दी है। वहां आसपास किसी भी तरह की फोटोग्राफी वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायु सेना के समर्पित टैंकर की मदद ली गई। वायुसेना ने एक बयान में कहा, “विमानों के 29 जुलाई को अंबाला में वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की संभावना है अगर मौसम (परिस्थितियां) सही रहता है तो।”
जिस लड़ाकू विमान ने चीन और पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं, वो लड़ाकू विमान आखिर बनता कैसे है? इस रिपोर्ट में हम आपको वही बताने जा रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी भी फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल उड़ा चुके हैं। बता दें कि बेंगलुरु में आयोजित हुए 'एयरो इंडिया-2017' शो में रूडी ने फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी थी।
संपादक की पसंद