Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में इस बार कम बारिश होने से खरीफ फसलों के उत्पादन में खासी गिरावट की आशंका है। इसकी वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। लगभग पूरा जून बारिश नहीं होने और जुलाई में भी बहुत कम बारिश होने के कारण खरीफ सत्र की फसल में देरी हो गई है।
धान की खरीद भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसने खरीफ मार्केटिंग सत्र 2019-20 के पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर लिया है।
चालू रबी सत्र में अब तक गेहूं की बुवाई चार प्रतिशत बढ़कर 325.35 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गयी है। बेहतर मानसून के कारण दलहनों की बुवाई इस दौरान पांच प्रतिशत बढ़कर 154.80 लाख हेक्टेयर हो गयी है।
गेहूं की बुवाई का काम अंतिम चरण में है और इसके अंतर्गत कुल रकबा 7.87 प्रतिशत बढ़कर 315.55 लाख हैक्टेयर पहुंच गया है। बारिश से बेहतर फसल की संभावना बढ़ी है।
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